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जापान का नया यूनिवर्सल आर्टिफिशियल ब्लड: चिकित्सा में क्रांति

जापान के वैज्ञानिकों ने एक अनोखा यूनिवर्सल आर्टिफिशियल ब्लड विकसित किया है, जिसे किसी भी रक्त समूह के व्यक्ति को दिया जा सकता है। यह खोज चिकित्सा विज्ञान में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। इस आर्टिफिशियल ब्लड की विशेषताएँ, सुरक्षा परीक्षण और भारत में इसके संभावित लाभों के बारे में जानें। क्या यह रक्त की कमी और आपात स्थितियों में मददगार साबित होगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

यूनिवर्सल आर्टिफिशियल ब्लड की खोज

जापान के वैज्ञानिकों ने एक अद्वितीय आर्टिफिशियल ब्लड विकसित किया है, जिसे किसी भी रक्त समूह के व्यक्ति को दिया जा सकता है। इसे 'यूनिवर्सल आर्टिफिशियल ब्लड' के नाम से जाना जा रहा है। यह खोज चिकित्सा विज्ञान में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।


आर्टिफिशियल ब्लड की विशेषताएँ


इस आर्टिफिशियल ब्लड का नाम हेमोग्लोबिन वोसीकल्स (HbVs) है, जिसे प्रयोगशाला में तैयार किया गया है। इसमें पुराने रक्त से हेमोग्लोबिन निकाला जाता है और इसे लिपिड बेस्ड वेसिकल्स में बंद किया जाता है, जिससे यह बिना किसी रक्त समूह के मिलान के ऑक्सीजन का परिवहन कर सके।


सुरक्षा और प्रारंभिक परीक्षण

इस आर्टिफिशियल ब्लड की सबसे बड़ी विशेषता इसकी यूनिवर्सल उपयोगिता है। इसे A, B, AB, और O सभी रक्त समूहों के लोगों को बिना मिलान के दिया जा सकता है। इसके अलावा, यह वायरस और संक्रमण से मुक्त है और इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है।


प्रारंभिक परीक्षण में, 2022 में चूहों और लैम्ब्स पर इसकी क्षमता का परीक्षण किया गया, जो सफल रहा। मार्च 2025 में, 16 स्वस्थ पुरुषों को 100 से 400 मिलीलीटर तक यह आर्टिफिशियल ब्लड दिया गया। कुछ को हल्की बुखार या थकावट महसूस हुई, लेकिन कोई गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं देखा गया।


भारत में संभावनाएँ

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. समीर भाटी के अनुसार, भारत में रक्त बैंक और ट्रांसफ्यूज़न सिस्टम कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। आर्टिफिशियल ब्लड इन समस्याओं का समाधान कर सकता है और आपात स्थितियों में जीवन बचाने में मदद कर सकता है।


डॉ. भाटी ने कहा कि यदि बड़े परीक्षणों के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, तो यह तकनीक 2030 तक कॉलेज अस्पतालों और एंबुलेंस किट में उपलब्ध हो सकती है।


मरीजों के लिए लाभ

इस आर्टिफिशियल ब्लड से रक्त की कमी पर काबू पाया जा सकेगा, खासकर भारत जैसे देशों में। आपात स्थितियों में, जैसे सड़क हादसे या प्राकृतिक आपदाएँ, HbVs तुरंत उपलब्ध कराया जा सकता है।


इसके अलावा, इसकी सरल स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन सुविधाएँ इसे विशेष बनाती हैं। वायरस या संक्रमण के जोखिम के बिना स्टोर करने योग्य रक्त की उपलब्धता चिकित्सा में बड़े बदलाव ला सकती है।