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कुणाल कपूर का विवादित बयान: शाकाहारी लोगों को बताया 'रेसिस्ट'

बॉलीवुड अभिनेता कुणाल कपूर ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में शाकाहारी लोगों को रेसिस्ट कहकर विवाद खड़ा कर दिया है। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कई लोग उनके तर्क का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे अनुचित मानते हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और लोगों की प्रतिक्रियाएं।
 

कुणाल कपूर का विवादास्पद बयान

कुणाल कपूर

कुणाल कपूर का विवाद: बॉलीवुड में इन दिनों एक नए बयान को लेकर चर्चा हो रही है, जिसमें अभिनेता कुणाल कपूर ने शाकाहारी लोगों के बारे में एक विवादास्पद टिप्पणी की है। शशि कपूर के बेटे कुणाल ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में शाकाहारी लोगों को रेसिस्ट करार दिया है। उनके इस बयान के बाद से सोशल मीडिया पर उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

कपूर परिवार का खान-पान हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में कुणाल ने एक पॉडकास्ट में मेहमाननवाजी और भोजन के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके घर में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के भोजन उपलब्ध हैं, लेकिन जब वह किसी शाकाहारी के घर जाते हैं, तो उन्हें मांसाहारी भोजन नहीं दिया जाता। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने घर पर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के व्यंजन परोसते हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

कुणाल के इस अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वह शाकाहारी लोगों को रेसिस्ट मानते हैं। हालांकि, उनका बयान मजाकिया अंदाज में था, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई लोगों ने कहा कि शाकाहारी लोगों को रेसिस्ट कहना उचित नहीं है, क्योंकि भोजन के चयन का संबंध अक्सर धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से होता है।

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कुछ लोगों का समर्थन

कुछ यूजर्स ने कहा कि किसी को रेसिस्ट कहना केवल इस आधार पर गलत है कि वह अपने घर पर नॉन-वेज भोजन नहीं परोसता। कुछ लोग कुणाल के तर्क का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मेहमाननवाजी में दोनों पक्षों के लिए विकल्प होना चाहिए। हालांकि, कई लोगों ने यह भी कहा कि विभिन्न भोजन परंपराओं के बीच 'रेसिस्ट' जैसे शब्द का उपयोग करना उचित नहीं है। कुणाल कपूर ने अपने करियर की शुरुआत 1972 में कॉनरैड रूक्स की इंडो-अमेरिकन फिल्म ‘सिद्धार्थ’ से की थी.