एक विलेन: मोहित सूरी की फिल्म में प्यार और हिंसा का अजीब मिश्रण
फिल्म की कहानी और निर्देशन
निर्देशक मोहित सूरी से 'आशिकी 2' के बाद बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने एक प्रेम कहानी के बजाय अनावश्यक और कभी-कभी अत्यधिक क्रूरता पर ध्यान केंद्रित किया। फिल्म में एक गुस्से में भरे व्यक्ति और एक चुलबुली लड़की के बीच का प्यार दिखाने के बजाय, सूरी ने हिंसा को प्राथमिकता दी।
कहानी में कुछ नया नहीं है। एक चुप रहने वाला व्यक्ति और एक मिलनसार लड़की का किरदार, जिसे पहले भी अमिताभ बच्चन और जया भादुरी जैसे दिग्गजों ने निभाया है। सूरी की दृष्टि में फिर से ऋषिकेश मुखर्जी का जिक्र आता है।
उनकी पिछली फिल्म 'आशिकी 2' में भी ऋषिकेश मुखर्जी की क्लासिक 'अभिमान' के तत्व थे। 'एक विलेन' में भी वही पुरानी कहानी को एक नए रूप में पेश किया गया है, लेकिन इसमें अत्यधिक हिंसा का तड़का है।
किरदारों में से एक, जो एक दयालु पति है, एक सीरियल किलर के रूप में सामने आता है। यह किरदार रितेश देशमुख ने निभाया है, जो अपने अभिनय में गहराई लाते हैं। हालांकि, फिल्म की कहानी में कई जगहों पर निरंतरता की कमी है।
मोहित सूरी ने इस फिल्म में प्रेम कहानी को क्रूरता के साथ संतुलित करने की कोशिश की है, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो पाया। श्रद्धा कपूर का किरदार भी कुछ खास नहीं है, और उनकी बातें कभी-कभी बेतुकी लगती हैं।
फिल्म के दूसरे भाग में, सidharth Malhotra और रितेश देशमुख के बीच का सामना हास्यास्पद हो जाता है, जिससे फिल्म की गंभीरता कम हो जाती है।
कई दृश्य ऐसे हैं जो असंगत लगते हैं, जैसे कि एक चर्च में एक बच्चे से दोस्ती करना। यह सब देखकर लगता है कि निर्देशक ने सोचा ही नहीं।
फिल्म अंततः एक टूटे हुए दिल की तरह बिखर जाती है। सidharth Malhotra का प्रदर्शन प्रभावशाली है, लेकिन फिल्म की कमजोरियों के कारण यह प्रभाव कम हो जाता है।
मोहित सूरी, हमें इस कहानी पर विश्वास नहीं हो रहा है, जिसमें प्यार से एक अपराधी को सुधारने की कोशिश की गई है।