एक एसी की मरम्मत में कुत्ते और तोते का मजेदार किस्सा
एक अनोखी कहानी
''मैं मिसेज़ दुबे बोल रही हूँ... नेहरू नगर पारिजात एक्सटेंशन Q.NO. HIG B/16 से... मेरा हाल में लगा एसी ठीक से काम नहीं कर रहा है... तुम दोपहर में मेरे ऑफिस जाने के बाद आकर इसे ठीक कर देना... पूरा घर लॉक रहेगा... सिर्फ हाल खुला रहेगा।''
''मेन डोर की चाबी बगल में दूसरे गमले के नीचे होगी...! ताला खोलकर हाल में लगा एसी ठीक करना है...!''
''हाल में एक डाबरमेन कुत्ता होगा जो बंधा नहीं होगा... पर डरना मत... वो ट्रेंड कुत्ता है... जब तक कोई आदेश न सुनाई दे, वह कुछ नहीं करेगा...!''
''वहाँ पिंजरे में एक तोता है... बहुत बोलता है... पर तुमको उसे एक शब्द भी नहीं कहना है...! काम खत्म होने के बाद हाल को लॉक करके चाबी उसी गमले के नीचे दबा देना...! मैं शाम को ऑफिस से लौटते समय तुम्हारा पेमेंट कर दूँगी... ठीक है...?''
''एक बार फिर बोल रही हूँ... तोते को एक शब्द भी मत कहना... वर्ना तुम खुद भुगतोगे...! ठीक है...!!''
दोपहर में मेकेनिक हाल का ताला खोलकर अंदर आया तो सोफे के पास एक खतरनाक डाबरमेन कुत्ता लेटा हुआ था, जिसे देखकर वह सहम गया, लेकिन कुत्ता एक बार उसकी ओर देखने के बाद फिर ऊँघने लगा।
जब वह आगे बढ़ा तो तोता चिल्लाने लगा, ''अबे चोर... क्या कर रहा है बे...!'' और पूरे दो घंटे तक, जब तक एसी ठीक नहीं हुआ, उसने मेकेनिक का जीना हराम कर दिया!
कभी उसे चोर कहता, कभी 'मोटा भैंसा' कहता, कभी गंदी गाली देता...! एक बार तो मेकेनिक इतना परेशान हो गया कि उसने उसे पेंचकस से कोंचने का मन बना लिया...! लेकिन मैडम की हिदायत याद आते ही वह रुक गया!
काम खत्म होने के बाद जब वह सामान समेटने लगा, तभी तोता ने फिर चिढ़ाया, ''अबे चोर... मोटा साले... क्या चुराया बे...?!''
अब तो मेकेनिक के लिए सहना मुश्किल हो गया...! उसने सोचा कि मैडम खामखा डरा रही थी...! भला पिंजरे में बंद तोता उसका क्या बिगाड़ लेगा?
अपना पेंचकस निकालकर वह तोते की ओर बढ़ा... ''साले हरामखोर तोते... रुक साले बताता हूँ...!!''
मेकेनिक का इतना बोलना था कि, तोता गला फाड़कर चिल्लाया... ''छू... टामी... छू...!''
''टामी... छू... छू...!!''
मेकेनिक अपनी जान बचाकर भागा लेकिन आज तक सदमे में है!