अल्जाइमर रोग: ओमेगा-3 की कमी और महिलाओं पर प्रभाव
अल्जाइमर रोग का बढ़ता खतरा
अल्जाइमर रोग एक मस्तिष्क से संबंधित बीमारी है, जिसके मामलों में पिछले एक या दो दशकों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में दुनिया भर में लगभग 1 करोड़ नए अल्जाइमर रोग-डिमेंशिया के मामले सामने आए, और लगभग 18 लाख लोग इस बीमारी के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए। अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे सामान्य रूप है और यह वैश्विक स्तर पर मृत्यु और विकलांगता का एक प्रमुख कारण है।
महिलाओं में अधिक जोखिम
चिकित्सा रिपोर्टों से पता चलता है कि महिलाओं में अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम पुरुषों की तुलना में अधिक है, जिसमें दो-तिहाई मामले महिलाओं के होते हैं। आमतौर पर, यह बीमारी वृद्ध लोगों में देखी जाती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि युवा भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
अल्जाइमर रोग का विकास
विशेषज्ञों का कहना है कि अल्जाइमर रोग एक प्रगतिशील मस्तिष्क विकार है, जिसके कारण याददाश्त और सोचने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। गंभीर मामलों में, यह कई लोगों के दैनिक कार्यों में बाधा डाल सकता है।
ओमेगा-3 की कमी का प्रभाव
अल्जाइमर रोग का जोखिम ओमेगा-3 की कमी से
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन के निर्माण से मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं, जिससे मस्तिष्क कोशिकाओं के मरने का खतरा बढ़ता है। यही कारण है कि अल्जाइमर रोग से प्रभावित लोगों में याददाश्त की कमी, भ्रम, व्यवहार में बदलाव और भाषा संबंधी निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
विशेषज्ञों ने पाया है कि जो लोग ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी का सामना कर रहे हैं, उनमें अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम अधिक होता है।
अध्ययन के निष्कर्ष
अध्ययन ने क्या पाया?
हाल ही में अल्जाइमर और डिमेंशिया जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया कि जांच के दौरान यह देखा गया कि अल्जाइमर रोग से ग्रसित महिलाओं में ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्तर में असामान्य रूप से कमी थी। इस जोखिम को कम करने के लिए महिलाओं को अपने आहार में पर्याप्त ओमेगा फैटी एसिड शामिल करना चाहिए।
अल्जाइमर रोगियों और स्वस्थ व्यक्तियों के रक्त नमूनों के विश्लेषण की एक रिपोर्ट में पाया गया कि अल्जाइमर रोग से ग्रसित महिलाओं में असंतृप्त वसा, जैसे ओमेगा फैटी एसिड, के स्तर में 20% तक की कमी थी। हालांकि, यह कमी अल्जाइमर से ग्रसित पुरुषों में नहीं देखी गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस रोग के प्रभाव और कारणों में लिंग आधारित भिन्नताएँ हो सकती हैं।
शोधकर्ताओं की राय
शोधकर्ताओं का क्या कहना है?
किंग्स कॉलेज लंदन की अध्ययन की वरिष्ठ लेखक डॉ. क्रिस्टीना लेगिडो-क्विग्ली का कहना है, "अल्जाइमर रोग के कारणों के संबंध में पुरुषों और महिलाओं के बीच का अंतर सबसे आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित निष्कर्ष था। ये संकेत हैं कि इन यौगिकों के निम्न स्तर अल्जाइमर का कारण हो सकते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार, जैसे भूमध्यसागरीय आहार योजना, लंबे समय से हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों के लिए फायदेमंद माना जाता है। 2022 के एक अध्ययन में पाया गया कि जो मध्य आयु के लोग नियमित रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, उनकी संज्ञानात्मक क्षमता और मानसिक कौशल अन्य लोगों की तुलना में बेहतर होते हैं।
क्या ओमेगा-3 अल्जाइमर का इलाज कर सकता है?
क्या ओमेगा-3 अल्जाइमर का इलाज कर सकता है?
दूसरी ओर, कई परीक्षणों में पाया गया है कि जो वृद्ध लोग पहले से ही अल्जाइमर रोग या डिमेंशिया से ग्रसित थे, उन्हें बाद में ओमेगा-3 सप्लीमेंट देने से संज्ञानात्मक क्षमता या मानसिक स्वास्थ्य में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं दिखा।
डॉ. लेगिडो-क्विग्ली का कहना है कि आहार में ओमेगा-3 खाद्य पदार्थों को शामिल करना मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इस तरह का आहार शुरू से ही मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और खराब खाने की आदतें भी अल्जाइमर रोग के जोखिम को बढ़ाती हैं। इसे सुधारना भी आवश्यक है।
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