Nikkhil Advani का D-Day: 12 साल बाद की यादें और भावनाएँ
D-Day: एक अनोखी कहानी
निर्देशक निखिल आडवाणी की छठी फीचर फिल्म, D-Day, एक सफल थ्रिलर है। यह फिल्म एक दाऊद जैसे गैंगस्टर के जबरन प्रत्यर्पण के इर्द-गिर्द घूमती है। लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण है, वह है एक रहस्यमय भारतीय खुफिया एजेंट और एक पाकिस्तानी वेश्या के बीच की दर्दनाक प्रेम कहानी। दोनों के जीवन में गहरे घाव हैं। जबकि उसके घाव स्पष्ट हैं, उसके घाव अदृश्य हैं। लेकिन अंततः, दर्द ही दोनों को जोड़ता है।
फिल्म की शूटिंग एक कुशलता से निर्मित वेश्यालय सेट पर की गई है, जिसमें रंगीन दृश्यों के माध्यम से उन जीवन tragedies को दर्शाया गया है जो उधार के बिस्तरों पर जीते हैं। अर्जुन रामपाल और श्रुति हासन के बीच के दृश्य चुप्पियों और प्रेम, हानि और अधूरे जीवन के बारे में एक भयानक धुन से भरे हुए हैं, जिसे रेखा भारद्वाज ने गाया है। आडवाणी, रितेश शाह और सुरेश नायर द्वारा लिखा गया पटकथा एक ऐसे पात्रों का कोलाज प्रस्तुत करता है जो टकराव की ओर बढ़ रहे हैं।
हालांकि यह एक गहन देशभक्ति से भरी फिल्म है, D-Day में कोई झंडा लहराने का प्रयास नहीं किया गया है। भारतीय झंडा केवल एक बार दिखाई देता है, और वह भी अंत में।
Nikkhil Advani का अनुभव
निखिल आडवाणी ने सब्बास के जे झा से D-Day के 12 साल पूरे होने पर बात की। उन्होंने कहा, "बारह साल पहले, इस फिल्म ने मुझे फिर से जीने का मौका दिया। D-Day ने मेरे करियर को बदल दिया। इसने मुझे एक फिल्म निर्माता और कहानीकार के रूप में स्वतंत्रता दी।"
उन्होंने आगे कहा, "इरफान ने मुझे सिखाया कि एक अभिनेता के रूप में खुद को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए, बल्कि अपने पात्र को गंभीरता से लेना चाहिए। यह विडंबना है कि D-Day के बाद ही दुनिया और उद्योग ने मुझे गंभीरता से लेना शुरू किया।"
आडवाणी ने यह भी कहा कि D-Day उनके लिए विशेष है, लेकिन यह हमेशा इरफान और ऋषि कपूर की यादों के कारण bittersweet रहेगा।