2025 में हिंदी सिनेमा के नए निर्देशकों की शुरुआत
2025 का विशेष सफर
इस वर्ष हिंदी सिनेमा के लिए कई मायनों में खास रहा। इस साल न केवल बड़े सितारों की फिल्में चर्चा में रहीं, बल्कि कई प्रसिद्ध अभिनेताओं ने पहली बार निर्देशन की जिम्मेदारी भी संभाली। कुछ ने एक्शन और थ्रिलर के माध्यम से अपनी बात रखी, जबकि अन्य ने रिश्तों, समाज और सिनेमा पर गहरी कहानियाँ प्रस्तुत कीं। आइए उन निर्देशकों पर नजर डालते हैं जिन्होंने 2025 में अपने निर्देशन की शुरुआत की।
सोनू सूद - फतेह
सोनू सूद - फतेह
वर्ष की शुरुआत में, सोनू सूद ने निर्देशन में कदम रखा। उनकी फिल्म फतेह एक पूर्व एजेंट की कहानी है जो अपने शांत जीवन को छोड़कर साइबर क्राइम की दुनिया का सामना करता है। सोनू सूद ने गंभीर विषय का चयन किया, हालांकि फिल्म को मिश्रित समीक्षाएँ मिलीं और यह बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई।
बोमन ईरानी - द मेहता बॉयज
बोमन ईरानी - द मेहता बॉयज
अनुभवी अभिनेता बोमन ईरानी ने एक बहुत संवेदनशील विषय के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की। द मेहता बॉयज ने पिता-पुत्र के रिश्ते की जटिलताओं को सरलता से प्रस्तुत किया। इस फिल्म को कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में सराहा गया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर रिलीज के बाद दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ मिलीं।
करण सिंह त्यागी - केसरी चैप्टर 2
करण सिंह त्यागी - केसरी चैप्टर 2
वकील के पेशे से जुड़े करण सिंह त्यागी ने अपने निर्देशन में एक शक्तिशाली कहानी प्रस्तुत की। केसरी चैप्टर 2 जलियांवाला बाग नरसंहार को कानूनी दृष्टिकोण से दर्शाता है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर मध्यम प्रदर्शन किया, और आलोचकों ने इसके कंटेंट की सराहना की।
कुश एस सिन्हा - निकिता रॉय
कुश एस सिन्हा - निकिता रॉय
शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे कुश एस सिन्हा ने अभिनय के बजाय निर्देशन को चुना। उनकी थ्रिलर फिल्म निकिता रॉय में सोनाक्षी सिन्हा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बावजूद, फिल्म ने ज्यादा चर्चा नहीं बटोरी और दर्शकों पर कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ा।
अश्विन कुमार - महावतार नरसिंह
अश्विन कुमार - महावतार नरसिंह
अश्विन कुमार 2025 का सबसे बड़ा आश्चर्य साबित हुए। बिना किसी बड़े सितारों और सीमित बजट के साथ बनाई गई महावतार नरसिंह ने भारतीय एनीमेशन सिनेमा को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। इसकी तकनीक और कहानी के कारण, यह वर्ष की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बन गई, और पहले से ही एक फ्रेंचाइजी की घोषणा की जा चुकी है।
आर्यन खान - द बैड्स ऑफ बॉलीवुड
आर्यन खान - द बैड्स ऑफ बॉलीवुड
शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन खान ने अपने निर्देशन की शुरुआत की, जिसने काफी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने हिंदी फिल्म उद्योग के कामकाज पर व्यंग्यात्मक श्रृंखला के माध्यम से प्रकाश डाला। यह डेब्यू लंबे समय तक विवादों, वायरल दृश्यों और बोल्ड कंटेंट के कारण चर्चा में रहा।
कायोज़ ईरानी - सरज़मीन
कायोज़ ईरानी - सरज़मीन
बोमन ईरानी के बेटे कायोज़ ईरानी ने भी इस वर्ष अपने निर्देशन की शुरुआत की। सरज़मीन एक संवेदनशील विषय पर आधारित फिल्म थी और इसे ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज किया गया। फिल्म को ठंडी प्रतिक्रिया मिली, लेकिन कायोज़ के निर्देशन के प्रयासों को सराहा गया।
चिन्मय मंडलेकर - इंस्पेक्टर जेंड
चिन्मय मंडलेकर - इंस्पेक्टर जेंड
मराठी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता चिन्मय मंडलेकर ने एक सच्ची कहानी को हल्के-फुल्के अंदाज में प्रस्तुत करके अपने निर्देशन की शुरुआत की। इंस्पेक्टर जेंड को ओटीटी प्लेटफार्मों पर अच्छे समीक्षाएँ मिलीं, खासकर इसके अभिनय और प्रस्तुति के लिए।
अंशुमान झा - लॉर्ड कर्ज़न की हवेली
अंशुमान झा - लॉर्ड कर्ज़न की हवेली
अंशुमान झा की निर्देशन में पहली फिल्म लंबे इंतज़ार के बाद रिलीज हुई। यह डार्क कॉमेडी एक अनोखी दृष्टिकोण को दर्शाती है लेकिन बॉक्स ऑफिस या आलोचकों के बीच कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई।
तिस्का चोपड़ा - साली मोहब्बत
तिस्का चोपड़ा - साली मोहब्बत
अभिनेत्री तिस्का चोपड़ा ने साली मोहब्बत के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की। यह फिल्म एक साधारण गृहिणी की असाधारण कहानी को बताती है। ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज होने के बाद, फिल्म को मिश्रित से सकारात्मक समीक्षाएँ मिलीं, और तिस्का के निर्देशन की भी सराहना की गई।
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