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स्विगी और जोमैटो: डिलीवरी वर्कर्स की कमाई और प्लेटफॉर्म की कमाई का अंतर

स्विगी और जोमैटो जैसे लोकप्रिय खाना-डिलीवरी ऐप्स ने हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये प्लेटफॉर्म रेस्टोरेंट से कितना कमीशन लेते हैं और डिलीवरी वर्कर्स को कितनी कमाई होती है? इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ये प्लेटफॉर्म अपनी कमाई करते हैं और डिलीवरी वर्कर्स को मिलने वाला हिस्सा क्या है। क्या रेस्टोरेंट्स को भी इस कमीशन के कारण नुकसान होता है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

स्विगी और जोमैटो की कमाई का रहस्य

स्विगी, जोमैटो की कमाई

आजकल, खाना और ग्रॉसरी डिलीवरी ऐप्स जैसे स्विगी और जोमैटो हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। हम बस एक क्लिक में खाना मंगाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन प्लेटफार्मों की कमाई कैसे होती है और डिलीवरी वर्कर्स को कितना मिलता है?

स्विगी और जोमैटो जैसे प्लेटफार्म रेस्टोरेंट से हर ऑर्डर पर उच्च कमीशन लेते हैं। उदाहरण के लिए, स्विगी आमतौर पर कुल ऑर्डर राशि का 15% से 25% तक कमीशन रेस्टोरेंट से वसूलता है, जो रेस्टोरेंट की लोकेशन, लोकप्रियता और ऑर्डर वॉल्यूम के आधार पर भिन्न हो सकता है। यदि कोई रेस्टोरेंट महीने में 1 लाख रुपये का ऑर्डर स्विगी के माध्यम से बेचता है, तो उसे लगभग 20,000 रुपये कमीशन देना होगा।

रेस्टोरेंट और ग्राहकों पर पड़ता है बोझ

इन उच्च कमीशन के कारण रेस्टोरेंट के मुनाफे पर दबाव पड़ता है, और कई बार उन्हें अपने मूल मूल्य से अधिक कीमत ऐप पर दिखानी पड़ती है ताकि वे स्विगी का हिस्सा और अन्य खर्चों का बोझ उठा सकें। इससे ग्राहकों को भी वही खाना थोड़ा महंगा लगता है।

डिलीवरी वर्कर्स को मिलता है कम हिस्सा

जब हम खाना मंगाते हैं, तो एक अलग डिलीवरी शुल्क भी देना होता है, लेकिन डिलीवरी पार्टनर्स को वह पूरा हिस्सा नहीं मिलता। कुछ मामलों में, डिलीवरी वर्कर्स को फिक्स बेस पेमेंट के साथ ऑर्डर और दूरी के अनुसार बोनस मिलता है। कुल मिलाकर, इन डिलीवरी वर्कर्स की कमाई हर ऑर्डर पर निश्चित नहीं होती, बल्कि दूरी, समय और ऑर्डर की संख्या पर निर्भर करती है। आमतौर पर, एक ऑर्डर पर उन्हें लगभग 20 से 40 रुपये मिलते हैं।

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यदि डिलीवरी की दूरी अधिक है या ऑर्डर पीक टाइम में किया गया है, तो कमाई थोड़ी बढ़ जाती है। वहीं, लंच और डिनर टाइम, बारिश या अधिक ऑर्डर पूरे करने पर इंसेंटिव भी मिलता है। हालांकि, पेट्रोल, मोबाइल और बाइक का खर्च वर्कर खुद उठाते हैं, जिससे उनकी असली कमाई कम हो जाती है।

प्लेटफॉर्म की कमाई का बड़ा हिस्सा

दूसरी ओर, स्विगी जैसे प्लेटफार्म रेस्टोरेंट से कमीशन, ग्राहक से डिलीवरी और प्लेटफ़ॉर्म फीस, प्रचार शुल्क समेत कई तरीकों से भारी कमाई करते हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म तकनीक, मार्केटिंग, ब्रांडिंग और अपने लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को चलाने के लिए इन शुल्कों का उपयोग करते हैं।