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स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट 2025 में महत्वपूर्ण घोषणाएं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2025 पेश किया, जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इस बजट में कैंसर के इलाज को आसान बनाने, मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने और दवाओं की कीमतों में कमी लाने की योजनाएं शामिल हैं। हालांकि, पिछले वर्षों की तुलना में स्वास्थ्य के बजट में कमी आई है। जानें इस बजट में स्वास्थ्य के लिए क्या नई पहल की गई हैं।
 

बजट में स्वास्थ्य के लिए नई पहल


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया, जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इस बजट से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं।


बजट से पहले यह जानकारी मिली थी कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में 10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। आइए जानते हैं इस बार के बजट में स्वास्थ्य के लिए क्या नई घोषणाएं की गई हैं।


बजट में स्वास्थ्य के लिए प्रमुख घोषणाएं

बजट में स्वास्थ्य के बड़े ऐलान



  • भारत में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए आसान वीजा की सुविधा दी जाएगी।

  • कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज अधिक सुलभ होगा।

  • देश के 200 जिला अस्पतालों में कैंसर डे केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

  • कैंसर की 36 दवाओं की कीमतें घटाई जाएंगी।

  • मेडिकल उपकरणों की कीमतें भी कम होंगी।

  • कई दवाओं पर टैक्स में छूट दी जाएगी, जिससे दवाएं सस्ती होंगी।

  • 36 दवाओं पर पूरी तरह से ड्यूटी टैक्स समाप्त किया जाएगा।

  • 6 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी 5% तक कम की जाएगी।


स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट

स्वास्थ्य क्षेत्र को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। खासकर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के खर्च को बढ़ाने के लिए एक ठोस योजना की आवश्यकता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य क्षेत्र में टैक्स सुधार की भी अपेक्षा की जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं पर GST को 0-5% के बीच होना चाहिए। साथ ही, प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने की भी मांग की जा रही है। आयुष्मान भारत योजना में छोटे शहरों को शामिल करने की आवश्यकता है।


स्वास्थ्य के बजट में कमी

हालांकि, पिछले वर्षों की तुलना में स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में कमी आई है। 2018-2022 के बीच स्वास्थ्य के लिए बजट 2.47% से घटकर 2.22% हो गया था, और 2023-2025 के बीच यह 1.85% से 1.75% तक पहुंच गया है।


बजट सत्र आवंटन
2022-2023 86606 करोड़ रुपए
2023-2024 88956 करोड़ रुपए
2024-2025 90,000 करोड़ रुपए