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सोने-चांदी की कीमतों में तेजी: जानें कारण और भविष्यवाणी

सोने और चांदी की कीमतों में हाल ही में तेजी आई है, जो वैश्विक बाजारों में अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और बढ़ती मांग के कारण हो रही है। त्योहारी सीजन में खुदरा बाजारों में सोने की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने और चांदी दोनों में मजबूती देखने को मिल सकती है। जानें इस उछाल के पीछे के कारण और भविष्यवाणियाँ।
 

सोने और चांदी की कीमतों में उछाल

नई दिल्ली: सोने और चांदी की कीमतों में एक बार फिर वृद्धि देखी जा रही है। घरेलू वायदा बाजार (MCX) में शुक्रवार को सोने और चांदी दोनों के दामों में उछाल आया। सोने की कीमतें MCX पर ₹122,330 पर पहुंच गई हैं, जो 1.05% की वृद्धि, यानी लगभग ₹1,300 की बढ़त को दर्शाती हैं। वहीं, चांदी की कीमतें भी ₹2,700 प्रति किलोग्राम बढ़कर ₹150,440 के स्तर पर पहुंच गई हैं।


विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजारों में अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती मांग के कारण सोने की कीमतों में यह वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, निवेशकों का सुरक्षित निवेश की ओर झुकाव भी इस उछाल का एक महत्वपूर्ण कारण है।


त्योहारों और शादियों के मौसम के चलते खुदरा बाजारों में सोने की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। चांदी की कीमतों में उछाल औद्योगिक मांग में सुधार का संकेत भी दे रहा है।


बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर में गिरावट, शेयर बाजारों में एआई-आधारित अस्थिरता, और अमेरिकी सरकार के लंबे शटडाउन ने सोने को एक बार फिर “सुरक्षित निवेश” के रूप में मजबूती प्रदान की है। डॉलर इंडेक्स में 0.08% की गिरावट ने इस तेजी को और बढ़ावा दिया है।


एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष जतिन त्रिवेदी का कहना है कि अब बाजार की नजरें अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व अधिकारियों के भाषणों और भारत व अमेरिका के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़ों पर टिकी हुई हैं। उनका मानना है कि मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिकी वित्तीय संकट के कारण आने वाले दिनों में सोना और चांदी दोनों में और मजबूती देखने को मिल सकती है।