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सोने-चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि: क्या गिरावट की उम्मीद है?

2025 में सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। सोने की कीमतें 67% बढ़ चुकी हैं, जबकि चांदी की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती के चलते निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ रहा है। क्या आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतें घटेंगी? जानें इस लेख में।
 

सोने-चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व उछाल


सोने और चांदी की कीमतों में 2025 में जो उथल-पुथल मची है, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। बाजार के विशेषज्ञों ने भी नहीं सोचा था कि सोने और चांदी की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ेंगी। इस वर्ष सोने की कीमत में 67 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है, जबकि चांदी की कीमतों में 1 लाख रुपये से अधिक का उछाल आया है। इस तेजी के बीच लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतें घटेंगी।

सोने की कीमतें कहां पहुंची?
स्पॉट गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड $4,383.73 प्रति औंस तक पहुंच गई हैं। सुरक्षित निवेश के रूप में जाने जाने वाले सोने की कीमतों में इस वर्ष 67 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। वैश्विक आर्थिक मुद्दों और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीदारी के कारण सोने की कीमतों में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में सोने की कीमत 1.32 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर चुकी है, जबकि चांदी की कीमतें भी रिकॉर्ड तोड़ रही हैं।

चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि
चांदी की कीमतें भी रिकॉर्ड तोड़ रही हैं। MCX पर चांदी की कीमत में 2.39% की वृद्धि हुई है, जिससे यह 2,13,412 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में 2.7% की वृद्धि हुई है, और चांदी ने ऐतिहासिक स्तर 4391.92 डॉलर प्रति औंस को छू लिया है।

अमेरिका की भूमिका
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में फेड द्वारा ब्याज दरों में कमी की जा सकती है। जब भी ब्याज दरें कम होने की संभावना होती है, निवेशक बॉंड और अन्य ब्याज देने वाले निवेशों से पैसा निकालकर सोने और चांदी में निवेश बढ़ा देते हैं।

सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे अमेरिका का प्रभाव
सोने और चांदी की कीमतों में हो रही इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के साथ, निवेशकों का रुझान सुरक्षित सोने और चांदी की ओर बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर चल रहे संघर्ष और अमेरिका की व्यापारिक नीतियों में देरी के कारण भी सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।

1979 की स्थिति से तुलना
सोने और चांदी की कीमतों में वर्तमान स्थिति, 1979 में देखी गई स्थिति के समान है। उस समय भी सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई थी। 1979-80 का दौर सोने के इतिहास का सबसे बड़ा बुल मार्केट माना जाता है।

क्या सोने की कीमतें घटेंगी?
फिलहाल सोने की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। यदि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती जारी रहती है, तो 2026 में सोने की कीमतें 4,000 से 4,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। हालांकि, मुनाफा बुकिंग के कारण थोड़ी गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहनों और एआई की बढ़ती मांग ने चांदी की कीमतों को भी समर्थन दिया है.