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शेयर बाजार में गिरावट का कारण: विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली और वैश्विक बाजारों का प्रभाव

शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है, जिसमें पिछले तीन दिनों में निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार गिरावट के पीछे विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली और वैश्विक बाजारों की कमजोरी का बड़ा हाथ है। जानें इस गिरावट के अन्य कारण और आंकड़े, जो निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
 

शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी

शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट का सामना करना पड़ा है। इन तीन दिनों में लगभग 19 घंटे के कारोबारी सत्रों में बाजार को भारी नुकसान हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, सेंसेक्स में 750 से अधिक अंकों की कमी आई है, जबकि निफ्टी में 271 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।

शुक्रवार को सेंसेक्स में 640 अंकों की कमी आई थी, और निफ्टी 191 अंकों से अधिक गिर गया था। हालांकि, सेंसेक्स और निफ्टी में कुछ रिकवरी देखने को मिली, लेकिन वे हरे निशान पर बंद नहीं हो सके। इन तीन दिनों में निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

अक्टूबर में सेंसेक्स में 4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखने को मिली थी, लेकिन अब यह गिरावट का सामना कर रहा है। इस गिरावट के पीछे विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली का बड़ा हाथ है। हाल ही में आए आर्थिक संकेतक भी बाजार को समर्थन नहीं दे रहे हैं।

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता अभी तक फाइनल नहीं हो सका है, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल है। इसके अलावा, विदेशी शेयर बाजारों में गिरावट का भी असर देखा जा रहा है। आइए जानते हैं सेंसेक्स और निफ्टी के आंकड़े।


तीसरे दिन भी गिरावट का सामना

हालांकि शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ, लेकिन पिछले तीन दिनों में 762.21 अंकों की कमी आई है। 3 नवंबर को शेयर बाजार बंद होने पर सेंसेक्स 83,978.49 अंकों पर था, जो अब 83,216.28 अंकों पर आ गया है। शुक्रवार को सेंसेक्स ने 640.06 अंकों की गिरावट के साथ 82,670.95 अंकों पर कारोबार किया।

निफ्टी में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है। शुक्रवार को निफ्टी 17.40 अंकों की कमी के साथ 25,492.30 अंकों पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान यह 191.25 अंकों तक गिरकर 25,318.45 अंकों पर आ गया। पिछले तीन दिनों में निफ्टी में 271.05 अंकों की गिरावट आई है।


गिरावट के कारण

ग्लोबल मार्केट में गिरावट: विदेशी बाजारों में कमजोरी भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का एक प्रमुख कारण है। वॉल स्ट्रीट के बढ़े हुए वैल्यूएशन के कारण सेंटीमेंट में बदलाव आया है। 7 नवंबर को प्रमुख एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई, जिसमें जापान का निक्केई और कोरिया का कोस्पी 2-2 प्रतिशत गिर गए।

टेक और कमोडिटी कंपनियों की स्थिति: इस साल ग्लोबल मार्केट में तेजी मुख्य रूप से तकनीकी कंपनियों के कारण रही है, लेकिन भारत में इस क्षेत्र में मजबूत कंपनियों की कमी है।

इकोनॉमिक इंडीकेटर: भारत का जीडीपी 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़ा है, लेकिन नॉमिनल जीडीपी की वृद्धि दर में कमी आई है, जो अर्थव्यवस्था में कमजोरी को दर्शाता है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय शेयरों की बिकवाली जारी रखे हुए हैं। नवंबर में अब तक, एफआईआई ने 6,214 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय शेयरों की बिक्री की है।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर अनिश्चितता: भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जो भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ी बाधा है।