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रिलायंस का FMCG क्षेत्र में बड़ा कदम: 10,000 करोड़ की पूंजी में विस्तार

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने FMCG क्षेत्र में कदम रखते हुए अपनी अधिकृत शेयर पूंजी को 10,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है। यह कदम कंपनी को नए ब्रांड्स खरीदने और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद करेगा। रिलायंस का लक्ष्य हिंदुस्तान यूनिलीवर और अन्य दिग्गज कंपनियों को चुनौती देना है। इसके साथ ही, कंपनी ने अपनी संरचना में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे वह सीधे रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी बन गई है। जानें इस विस्तार के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।
 

रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का नया कदम

रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड

जब भी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज किसी नए क्षेत्र में कदम रखती है, तो बाजार में हलचल मच जाती है। टेलीकॉम और रिटेल के बाद, अब कंपनी का ध्यान आपके किचन और रोजमर्रा के सामान (FMCG) पर है। रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) ने अपने कंज्यूमर गुड्स कारोबार को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कंपनी ने अपनी अधिकृत शेयर पूंजी को 100 गुना बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया है।

10,000 करोड़ की पूंजी का महत्व

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) में जमा दस्तावेजों से स्पष्ट होता है कि कंपनी अपने वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए तैयार है। इस बढ़ी हुई पूंजी में 10 रुपये के मूल्य वाले 600 करोड़ इक्विटी शेयर और 400 करोड़ प्रेफरेंस शेयर शामिल हैं।

सरल शब्दों में, अधिकृत पूंजी बढ़ाने का अर्थ है कि कंपनी भविष्य में नए शेयर जारी करके बाजार से या अपने निवेशकों से बड़े फंड जुटा सकती है। रिलायंस ने बताया है कि यह कदम रिलायंस रिटेल वेंचर्स के शेयरधारकों को नए शेयर देने और कंपनी की भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उठाया गया है। इसका मतलब है कि कंपनी नए ब्रांड्स खरीदने या अपने विस्तार पर बड़ा निवेश कर सकती है।

बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी

रिलायंस के इस कदम का सीधा प्रभाव पहले से स्थापित बड़ी कंपनियों पर पड़ेगा। कंपनी का लक्ष्य हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), आईटीसी (ITC), कोका-कोला और नेस्ले जैसी दिग्गज कंपनियों को चुनौती देना है। अब तक FMCG क्षेत्र में इन कंपनियों का वर्चस्व रहा है, लेकिन रिलायंस अपनी विशाल पूंजी और सप्लाई चेन के माध्यम से इस स्थिति को बदलने की कोशिश कर रही है।

संरचना में बदलाव

कंपनी की संरचना में 1 दिसंबर से महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। अब रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (RCPL) रिलायंस रिटेल के अधीन काम नहीं कर रही, बल्कि यह अब सीधे रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी बन गई है। इस पुनर्गठन के तहत रिलायंस रिटेल के सभी FMCG ब्रांड्स को RCPL में स्थानांतरित कर दिया गया है।

दिलचस्प बात यह है कि इस नई कंपनी का स्वामित्व वही रखा गया है जैसा रिलायंस रिटेल वेंचर्स का है। इसमें लगभग 83.56 प्रतिशत हिस्सा रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास है, जबकि शेष हिस्सेदारी सिल्वर लेक, KKR और मुबाडाला जैसे बड़े वैश्विक निवेशकों के पास है।

विकास की गति

रिलायंस केवल कागजी बदलाव नहीं कर रही, बल्कि वास्तविकता में भी तेजी से आगे बढ़ रही है। कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में उसका FMCG कारोबार दोगुना हो गया है। जुलाई से सितंबर की तिमाही में कंपनी ने 5,400 करोड़ रुपये की बिक्री की। हाल ही में रिलायंस ने 'Sil' जैसे पुराने ब्रांड को फिर से बाजार में पेश किया है और उदयम्स एग्रो फूड्स में हिस्सेदारी खरीदी है।

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