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मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के लिए नया चार्ज सिस्टम लागू होने वाला है

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के लिए नए चार्ज नियमों का प्रस्ताव रखा है, जिसमें सरकारी और निजी एंटीटीज के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं। नए नियमों के तहत, उपयोगकर्ताओं को यह जानने का मौका मिलेगा कि उनका फोन नंबर डेटाबेस में है या नहीं। इसके अलावा, सरकारी एजेंसियों को लेन-देन का विवरण एकत्र करने का अधिकार भी मिलेगा। जानें इस नए नियम के बारे में और क्या जानकारी है।
 

नए नियमों का प्रस्ताव


दूरसंचार विभाग ने फोन नंबर से संबंधित धोखाधड़ी को कम करने के लिए साइबर सुरक्षा नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। 24 जून को प्रस्तुत किए गए नए ड्राफ्ट में एक नया प्लेटफार्म बनाने की सिफारिश की गई है, जो उन सभी को शामिल करेगा जिनके पास ग्राहक सत्यापन का लाइसेंस है।


MNV प्लेटफार्म का प्रस्ताव

दूरसंचार विभाग ने MNV प्लेटफार्म को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है, जो अधिकृत संस्थाओं और लाइसेंसधारियों को यह जांचने में मदद करेगा कि उपयोगकर्ता या कंपनी द्वारा उपयोग किया जा रहा फोन नंबर डेटाबेस में है या नहीं। ड्राफ्ट में उन एंटीटीज का भी उल्लेख किया गया है जो उपयोगकर्ता को नंबर या लेन-देन का उपयोग करते हैं, जिन्हें TIUE (टेलिकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर यूजर एंटिटी) कहा जाता है।


चार्ज की राशि

नए नियम के अनुसार, यदि एंटीटीज राज्य या केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत हैं, तो प्रति फोन नंबर 1.5 रुपये का चार्ज लिया जाएगा। वहीं, निजी एंटीटीज के लिए प्रति नंबर 3 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के लिए शुल्क का भुगतान कौन करेगा, लेकिन संभावना है कि यह शुल्क उपयोगकर्ताओं को ही देना होगा।


प्रतिक्रिया की मांग

दूरसंचार विभाग ने ड्राफ्ट जारी होने के 30 दिनों के भीतर संबंधित पक्षों से प्रतिक्रिया मांगी है। नए नियमों से सरकारी एजेंसियों और कानून प्रवर्तन संस्थाओं को गैर-दूरसंचार संस्थाओं से व्यक्तियों के लेन-देन का विवरण एकत्र करने का अधिकार मिलने की उम्मीद है।