महिला रोजगार योजना: आर्थिक सशक्तिकरण की नई पहल
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का एक नया अवसर प्रदान किया है। इस योजना के तहत, 50 लाख महिलाओं को 10,000 रुपये की पहली किस्त दी जाएगी, जिससे वे अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकेंगी। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को समान अवसर प्रदान करना है। आवेदन प्रक्रिया सरल है, और इसमें शामिल होने के लिए पात्रता मानदंड भी स्पष्ट हैं। जानें इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी।
Sep 20, 2025, 19:29 IST
महिला रोजगार योजना का महत्व
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं में नई आशा का संचार किया है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हुए आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी महिलाएं भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए उत्सुक हैं। अब तक, शहरी क्षेत्रों में 4 लाख 66 हजार जीविका दीदियों ने इस योजना के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा, 4 लाख 4 हजार से अधिक शहरी महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।
योजना की शुरुआत और लाभ
इस योजना का जल्द ही शुभारंभ होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 50 लाख महिलाओं के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त भेजेंगे। कुल 5 हजार करोड़ रुपये की राशि का वितरण महिलाओं के बीच किया जाएगा, जिससे वे अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकें। हर पात्र परिवार की एक महिला को यह राशि दी जाएगी। पहली किस्त के बाद, महिलाएं खेती, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई-बुनाई या छोटे उद्यम शुरू कर सकती हैं। इसके बाद, लगभग छह महीने बाद, उन्हें 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें।
ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को समान अवसर प्रदान करना है। ग्रामीण क्षेत्रों की एसएचजी से जुड़ी 1 करोड़ 5 लाख जीविका दीदियों ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है। इसके साथ ही, 1 लाख 40 हजार से अधिक महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।
पात्रता मानदंड
योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा, जिनमें पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे शामिल हैं। अविवाहित वयस्क महिलाएं, जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, भी पात्र होंगी। आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदिका या उनके पति आयकर दाता नहीं होने चाहिए और न ही वे सरकारी सेवा में कार्यरत होने चाहिए। जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाएं इस योजना के लिए पात्र होंगी।
आवेदन प्रक्रिया
ग्रामीण क्षेत्र में, एसएचजी से जुड़ी महिलाएं अपने ग्राम संगठन में आवेदन जमा करेंगी। ग्राम संगठन स्तर पर एक विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी सदस्यों का एक समेकित आवेदन लिया जाएगा। जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले अपने ग्राम संगठन में आवेदन देकर समूह में शामिल होना होगा।
शहरी क्षेत्र में, महिलाएं जीविका की आधिकारिक वेबसाइट www.brlps.in पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। पूर्व से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी शहरी महिलाओं को ऑनलाइन आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी।