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महंगाई में कमी: अक्टूबर 2025 में CPI 0.25% पर, खाद्य कीमतों में गिरावट

अक्टूबर 2025 में महंगाई दर में महत्वपूर्ण गिरावट आई है, जो केवल 0.25% पर पहुंच गई है। यह दर 2012 के बाद से सबसे कम है, और इसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी महंगाई में कमी देखी गई है। जीएसटी रिफॉर्म के प्रभाव से कई आवश्यक सामान सस्ते हुए हैं। जानें इस गिरावट के पीछे के कारण और आरबीआई की जिम्मेदारियों के बारे में।
 

महंगाई दर में महत्वपूर्ण गिरावट

आम जनता को महंगाई के मोर्चे पर एक बड़ी राहत मिली है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में महंगाई दर में उल्लेखनीय कमी आई है। सरकार ने बुधवार, 12 नवंबर को अक्टूबर महीने के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) का डेटा पेश किया, जिसमें महंगाई दर घटकर केवल 0.25 प्रतिशत पर आ गई, जो कि 2012 के बाद से सबसे कम है। सितंबर में यह दर 1.44 प्रतिशत थी।


खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी

महंगाई में यह कमी मुख्यतः खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण हुई है। अक्टूबर में फूड इंडेक्स -5.02 प्रतिशत पर रहा, जबकि सितंबर में यह -2.3 प्रतिशत था, जिससे अनाज, सब्जियों और तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में और राहत मिली है। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दर अक्टूबर में -4.85 प्रतिशत रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह -5.18 प्रतिशत रही।


ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महंगाई

ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई दर -0.25 प्रतिशत
ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई दर अक्टूबर में -0.25 प्रतिशत रही, जबकि सितंबर में यह 1.07 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्र में महंगाई दर 0.88 प्रतिशत रही, जो सितंबर में 1.83 प्रतिशत थी। अक्टूबर में ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन में महंगाई दर 0.94 प्रतिशत रही, जो कि सितंबर में 1.82 प्रतिशत थी। फ्यूल और लाइट में महंगाई दर अक्टूबर में 1.98 प्रतिशत रही, जो सितंबर में भी इसी स्तर पर थी।


जीएसटी रिफॉर्म का प्रभाव

जीएसटी रिफॉर्म का भी असर
महंगाई में आई गिरावट के पीछे जीएसटी रिफॉर्म का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हाल ही में जीएसटी दरों में बदलाव और खाद्य वस्तुओं पर टैक्स में कटौती के कारण कई आवश्यक सामान सस्ते हुए हैं। उल्लेखनीय है कि देश में 22 सितंबर, 2025 से नए जीएसटी रिफॉर्म लागू किए गए हैं, जिनका प्रभाव अब खुदरा कीमतों में दिखाई देने लगा है।


आरबीआई की जिम्मेदारी

RBI को महंगाई 2 प्रतिशत से 6 प्रतिशत के भीतर रखने की जिम्मेदारी
सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी दी है, जिसमें 2 प्रतिशत की घट-बढ़ हो सकती है। इसका अर्थ है कि यदि महंगाई 2 से 6 प्रतिशत के बीच रहती है, तो आरबीआई के लिए अधिक चिंता की बात नहीं होगी।