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भारत में सोने का आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जानें कारण

भारत में सोने का आयात अक्टूबर में अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। इस वृद्धि का मुख्य कारण त्योहारों और शादियों के मौसम में बढ़ी हुई मांग है। स्विट्जरलैंड से सबसे अधिक सोना खरीदा गया है, जिससे देश का व्यापार घाटा भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और इसके आर्थिक प्रभाव।
 

भारत में सोने का आयात बढ़ा

भारत में सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं, जबकि चांदी भी नए रिकॉर्ड बना रही है। सोने और चांदी की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर हैं, फिर भी भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सोने की खरीदारी में कोई कमी नहीं आई है। दीवाली के अवसर पर मांग को पूरा करने के लिए अक्टूबर में भारत ने सोने का भारी आयात किया। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में सोने का आयात लगभग तीन गुना बढ़ गया है।


अक्टूबर में सोने का आयात

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में सोने के आयात में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में भारत का सोने का आयात 14.72 अरब डॉलर (लगभग 1,30,411 करोड़ रुपये) को पार कर गया, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में 4.92 अरब डॉलर (लगभग 43.58 हजार करोड़ रुपये) था। इस प्रकार, सोने के आयात में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सोने की खरीद 21.44 प्रतिशत बढ़कर 41.23 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।


सोने के आयात का स्रोत

भारत ने सबसे अधिक सोना स्विट्जरलैंड से खरीदा है, जो कुल आयात का 40 प्रतिशत से अधिक है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण अफ्रीका से भी सोने का आयात किया गया है। भारत, चीन के बाद, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का आयातक देश है।


महंगे सोने की खरीदारी के कारण

भारत में सोने की मांग बहुत अधिक है, विशेषकर त्योहारों और शादियों के मौसम में। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के अनुसार, अक्टूबर में सोने के आयात में वृद्धि का मुख्य कारण त्योहारों के दौरान बढ़ी हुई मांग है। 31 मार्च तक भारत का सोने का भंडार 879 टन है।


आयात बिल और व्यापार घाटा

सोने के आयात में वृद्धि के कारण आयात बिल में भी इजाफा हुआ है। इस वृद्धि ने देश के व्यापार घाटे को भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा दिया है। अक्टूबर में भारत का व्यापार घाटा 41.68 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो सितंबर में 32.15 अरब डॉलर था। इस दौरान सोने की खरीदारी में आई तेजी ने व्यापार के असंतुलन को बढ़ा दिया है।