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भारत में गेहूं की बंपर बुआई: रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

भारत में गेहूं की बुआई में इस वर्ष रिकॉर्ड वृद्धि देखने को मिल रही है, जो पिछले वर्षों की तुलना में 20% अधिक उत्पादन की उम्मीद जगाती है। अक्टूबर में हुई बेमौसम बारिश ने मिट्टी की नमी को बढ़ाया है, जिससे किसान गेहूं की बुआई के लिए प्रेरित हुए हैं। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बुआई का क्षेत्रफल 5% बढ़ गया है। जानें इस वृद्धि के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

गेहूं की बुआई में नया रिकॉर्ड

देश में हुई गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ बुआई

भारत एक बार फिर गेहूं की बुआई में नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है। इस वर्ष, पिछले वर्षों की तुलना में अधिक गेहूं बोया जाएगा। इसका मुख्य कारण अक्टूबर में हुई बेमौसम बारिश है, जिसने मिट्टी की नमी को बढ़ाया है और बाजार में गेहूं की कीमतों में सुधार किया है। किसानों ने बंपर बुआई के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं, और कई क्षेत्रों में बुआई का कार्य भी संपन्न हो चुका है। इससे यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में गेहूं की पैदावार में वृद्धि होने की संभावना है, जो न केवल किसानों के लिए लाभकारी होगी बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करेगी। अनुमान है कि इस बार गेहूं का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक होगा।

समाचार रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय किसानों ने गेहूं की बुआई के क्षेत्रफल में लगभग 5% की वृद्धि की है। यह वृद्धि अक्टूबर में हुई बेमौसम बारिश के कारण संभव हुई है, जिसने मिट्टी की नमी में सुधार किया और किसानों को वर्षा आधारित फसलों से गेहूं की ओर आकर्षित किया।

पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बुआई

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 14 नवंबर तक 66.2 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हो चुकी थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक है। इसका मतलब यह है कि बुआई में वृद्धि के साथ-साथ पैदावार में भी वृद्धि होने की संभावना है। औसत अनुमान के अनुसार, 2025/26 सीजन के लिए बुआई पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 341.6 लाख हेक्टेयर से लगभग 5% अधिक होने की उम्मीद है।

पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना

कृषि मंत्रालय ने पहले ही जुलाई 2024 से जून 2025 के लिए गेहूं उत्पादन का अनुमान 11.75 करोड़ टन रखा है। इससे देश में गेहूं की उपलब्धता को लेकर विश्वास बढ़ा है। 2022 में निर्यात पर रोक लगाई गई थी, जबकि इससे पहले भारत ने गेहूं निर्यात में 2.12 अरब डॉलर का रिकॉर्ड बनाया था। इस वर्ष भारत ने 11.75 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन किया था, और इस सीजन की बुआई से यह स्पष्ट है कि पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना है।

बुआई में वृद्धि के कारण

रॉयटर्स से बातचीत में उद्योग के अधिकारियों ने बताया कि इस बार किसान लगभग 5% अधिक क्षेत्र में गेहूं बोने जा रहे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा। इसकी मुख्य वजह बेहतर कीमतें और अक्टूबर में हुई अनियमित बारिश है, जिसने मिट्टी में नमी बढ़ा दी और किसानों को वर्षा-आधारित फसलों से हटाकर गेहूं की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया है।

भारत के प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों जैसे पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, और राजस्थान में अक्टूबर में 161% अधिक बारिश हुई। इसके परिणामस्वरूप देशभर में औसतन 49% अतिरिक्त बारिश हुई। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसान चना जैसी फसलों से हटकर गेहूं की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। इसके अलावा, सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 6.6% बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है.