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भारत में कोलेस्ट्रॉल की समस्या: हर चार में से एक व्यक्ति प्रभावित

मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि हर चार में से एक भारतीय का कोलेस्ट्रॉल स्तर सामान्य से बाहर है। यह स्थिति युवा और मध्यम आयु वर्ग में भी तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट में HDL कोलेस्ट्रॉल की कमी को दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण बताया गया है। जीवनशैली में बदलाव और खानपान की आदतें इस समस्या को बढ़ा रही हैं। जानें इस समस्या के समाधान और स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों के बारे में।
 

भारत में कोलेस्ट्रॉल की स्थिति

भारतीय में अनियमित कोलेस्ट्रॉल स्तरImage Credit source: Getty Images

कोलेस्ट्रॉल की स्थिति 2025: मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर द्वारा किए गए एक अध्ययन में, पिछले वर्ष में लगभग 3.9 लाख व्यक्तियों के लिपिड प्रोफाइल टेस्ट का विश्लेषण किया गया। इस अध्ययन में यह सामने आया कि हर चार में से एक भारतीय का कोलेस्ट्रॉल स्तर सामान्य से बाहर है। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) की कमी सबसे आम समस्या बन गई है, जो दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है.

भारत में हृदय रोगों की बढ़ती संख्या के पीछे कोलेस्ट्रॉल की गड़बड़ी एक महत्वपूर्ण कारण मानी जा रही है। यदि हर चार में से एक व्यक्ति का कोलेस्ट्रॉल असामान्य है, तो यह हमारे समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। ये आंकड़े यह भी बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल की समस्या अब केवल बुजुर्गों या मोटे व्यक्तियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवा और मध्यम आयु वर्ग में भी तेजी से बढ़ रही है.

कोलेस्ट्रॉल की स्थिति का विश्लेषण

राजीव गांधी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अजीत जैन के अनुसार, रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि HDL कोलेस्ट्रॉल की कमी आज की सबसे बड़ी समस्या है। लगभग 37% व्यक्तियों में HDL का स्तर सामान्य से कम पाया गया। जब HDL कम होता है, तो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि HDL खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है.

  • लगभग 30% व्यक्तियों में कुल कोलेस्ट्रॉल सामान्य से अधिक पाया गया।
  • 33% व्यक्तियों में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा भी असामान्य पाई गई।
  • 24% व्यक्तियों में नॉन-HDL कोलेस्ट्रॉल सामान्य से अधिक मिला।
  • 25% व्यक्तियों में LDL कोलेस्ट्रॉल भी सामान्य से अधिक पाया गया।

जीवनशैली में बदलाव का प्रभाव

रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारी जीवनशैली और खानपान में बदलाव ने इस स्थिति को जन्म दिया है। अधिक प्रोसेस्ड और तैलीय भोजन का सेवन बढ़ गया है, जबकि व्यायाम की कमी हो गई है। मेट्रोपोलिस के आंकड़ों में 31 से 60 वर्ष की आयु वर्ग में कोलेस्ट्रॉल के मामलों की अधिकता देखी गई है, जहां सक्रिय जीवनशैली की संभावना कम है। लिपिड असामान्यताएँ अक्सर तब ही देखी जाती हैं जब बीमारी शुरू हो चुकी होती है। समय-समय पर जांच न कराना भी एक बड़ा कारण है.

स्वास्थ्य सुरक्षा के उपाय

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य जोखिम को कम करने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे:

नियमित लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं: विशेष रूप से यदि आपके परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास हो.

आहार में सुधार करें: तले-भुने और चर्बी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें, और ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और स्वास्थ्यवर्धक वसा (जैसे मछली, अखरोट) को शामिल करें.

नियमित व्यायाम करें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम-गति की गतिविधि जैसे तेज चलना या साइक्लिंग करें.

धूम्रपान से बचें: धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें.

तनाव प्रबंधन: तनाव, नींद और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें.