भारत पर ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव: GST 2.0 से राहत की उम्मीद
ट्रंप का नया टैरिफ
27 अगस्त, 2025 से वाशिंगटन ने भारतीय उत्पादों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लागू कर दिया है, जिससे कुल टैरिफ दर 50% हो गई है। इस निर्णय का प्रभाव रत्न, कपड़ा और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों पर पड़ेगा।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार इस चुनौती का सामना करने के लिए GST 2.0 पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसका उद्देश्य स्लैब में कटौती और त्योहारी समय के दौरान घरेलू खपत को बढ़ावा देना है, ताकि उपभोक्ताओं को बाहरी व्यापार झटकों से बचाया जा सके।
टैरिफ का कारण
वाशिंगटन का कहना है कि यह टैरिफ भारत द्वारा रूस से सस्ते कच्चे तेल के आयात के कारण लगाया गया है। इसका प्रभाव रत्न और आभूषण, कपड़ा, ऑटो कंपोनेंट, कृषि उत्पाद और समुद्री खाद्य जैसे क्षेत्रों पर पड़ रहा है।
आर्थिक प्रभाव
अमेरिका ने पिछले वर्ष भारत से 60.85 अरब डॉलर का आयात किया था, जिसमें से लगभग 70% पर अब 50% शुल्क लागू हो रहा है। यह भारत की जीडीपी का लगभग 1.56% और कुल निर्यात का 7.38% है।
विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रभाव
रत्न और आभूषण: अमेरिका भारत का सबसे बड़ा आभूषण खरीदार है, जिसकी खेप 10 अरब डॉलर की है। 50% टैरिफ से इसकी बिक्री प्रभावित हो सकती है।
ऑटो कंपोनेंट्स: भारत अमेरिका को 7 अरब डॉलर मूल्य के पुर्जे निर्यात करता है। टैरिफ के कारण लागत बढ़ने से कंपनियों को ऑर्डर में कटौती और रोजगार में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
समुद्री भोजन: भारत का अमेरिका को समुद्री भोजन निर्यात 24,000 करोड़ रुपये तक घट सकता है।
कपड़ा और परिधान: इस क्षेत्र को भी टैरिफ और घरेलू शुल्क का सामना करना पड़ रहा है।
कृषि और चमड़ा: अमेरिकी बाजार में मांग में कमी आ रही है।
फार्मा: इस क्षेत्र को अभी तक कोई बड़ा झटका नहीं लगा है, लेकिन तनाव बढ़ने पर खतरा बना रहेगा।
GST 2.0 का महत्व
GST 2.0 एक सरल दो-स्लैब प्रणाली का प्रस्ताव करता है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। एसबीआई रिसर्च के अनुसार, इससे 1.98 लाख करोड़ रुपये की खपत बढ़ने की उम्मीद है।
यदि कंपनियां टैक्स कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देती हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।