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भारत की आर्थिक प्रगति: रोल्स-रॉयस का बड़ा निवेश योजना

भारत ने 2025 में 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का गौरव हासिल किया है। इस उपलब्धि के चलते ब्रिटिश कंपनी रोल्स-रॉयस ने भारत में मेगा निवेश की योजना बनाई है, जिसमें जेट इंजन और नेवल प्रोपल्शन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह कदम भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह गति बनी रही, तो भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
 

भारत की आर्थिक उड़ान: चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी

नई दिल्ली: वर्ष 2025 भारत के लिए आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ, भारत ने जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त किया है। सरकार की वार्षिक समीक्षा के अनुसार, यह उपलब्धि मजबूत घरेलू मांग, निवेश और सुधारों का परिणाम है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह गति बनी रही, तो भारत 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जब जीडीपी 7.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.


रोल्स-रॉयस का भारत में मेगा निवेश: प्रोपल्शन हब बनेगा देश

ब्रिटेन की प्रमुख एयरो-इंजन निर्माता कंपनी रोल्स-रॉयस भारत को यूके, अमेरिका और जर्मनी के बाद अपना तीसरा 'होम मार्केट' बनाने की योजना बना रही है। कंपनी के इंडिया प्रमुख साशी मुकुंदन ने बताया कि भारत में बड़ा निवेश किया जाएगा, जिसमें जेट इंजन, नेवल प्रोपल्शन, लैंड सिस्टम और एडवांस्ड इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.


यह निवेश मुख्य रूप से भारत के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के लिए अगली पीढ़ी के जेट इंजन के विकास पर केंद्रित होगा। कंपनी AMCA इंजन को भारत में ही डिजाइन और मैन्युफैक्चर करने की योजना बना रही है, जिसमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और जॉइंट आईपी ओनरशिप शामिल होगी.


मुकुंदन के अनुसार, AMCA इंजन कोर को 'मैरिनाइज' करके नेवल प्रोपल्शन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे भारतीय नौसेना की इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड प्रोपल्शन क्षमता में वृद्धि होगी। कंपनी भारतीय डिफेंस PSU के साथ दो MoU साइन करने वाली है – एक अर्जुन टैंक और दूसरा फ्यूचर कॉम्बैट व्हीकल्स के इंजन मैन्युफैक्चरिंग के लिए.


वैश्विक निवेशकों का भारत पर भरोसा

भारत की तेज आर्थिक वृद्धि (2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2% जीडीपी ग्रोथ) और स्थिर नीतियों ने वैश्विक कंपनियों को आकर्षित किया है। आईएमएफ, विश्व बैंक और मूडीज जैसी संस्थाएं भारत को सबसे तेज बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था मान रही हैं। 2030 तक तीसरे स्थान की दौड़ में भारत की मजबूत स्थिति वैश्विक व्यापार, डिफेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर में नए अवसर खोलेगी.


यह उपलब्धियां हर भारतीय के लिए गर्व की बात हैं। आने वाले वर्षों में भारत न केवल आर्थिक महाशक्ति बनेगा, बल्कि वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन हब के रूप में उभरेगा.