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भारत और अमेरिका के व्यापार वार्ता में देरी, टैरिफ पर बढ़ी चिंताएं

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार वार्ता को स्थगित कर दिया गया है, जिससे व्यापार समझौते पर बातचीत में देरी होने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और व्यापार वार्ता की वर्तमान स्थिति के बारे में।
 

महत्वपूर्ण व्यापार वार्ता स्थगित

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार वार्ता फिलहाल के लिए स्थगित कर दी गई है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों का 25 से 29 अगस्त तक नई दिल्ली का दौरा अब नहीं होगा। इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर चल रही चर्चाओं को आगे बढ़ाना था।


वार्ता स्थगित होने के कारण

एक सूत्र के अनुसार, इस वार्ता के स्थगित होने से व्यापार समझौते पर बातचीत में देरी होने की संभावना है। इसके साथ ही, 27 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर लागू होने वाले अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ से राहत मिलने की उम्मीदें भी कम हो गई हैं। अमेरिकी दूतावास ने इस मामले में कोई अतिरिक्त जानकारी देने से इनकार कर दिया है, क्योंकि यह मामला यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) के अधीन है। भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने भी इस पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।


व्यापार समझौते का संदर्भ

इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीय सामानों पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया था। उन्होंने इसका कारण भारत द्वारा रूसी तेल का निरंतर आयात बताया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। यह नया टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा, जिसके बाद कुछ भारतीय निर्यात पर कुल शुल्क 50% तक बढ़ जाएगा, जो अमेरिका के किसी भी व्यापारिक साझेदार पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है।


बातचीत में रुकावट के कारण

भारत और अमेरिका के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन ये सफल नहीं हो पाईं। मुख्य मतभेद भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने और रूसी तेल खरीदने को लेकर हैं। भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि रूस से तेल खरीदने के लिए भारत को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ भी रूस से सामान खरीदना जारी रखे हुए हैं।