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ब्लड प्रेशर नियंत्रण के लिए पोटैशियम का महत्व और सही डोज

जब लोग 40 की उम्र पार करते हैं, तो वे अक्सर नमक का सेवन कम कर देते हैं, लेकिन फिर भी उनका ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं होता। इसका मुख्य कारण पोटैशियम की कमी है। इस लेख में, हम पोटैशियम की सही डोज और इसे अपने आहार में कैसे शामिल करें, इस पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे सरल बदलाव आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
 

ब्लड प्रेशर और पोटैशियम का संबंध

जैसे ही लोग 40 की उम्र पार करते हैं, वे अक्सर अपनी डाइट से नमक को कम कर देते हैं। इसके साथ ही अचार, पापड़ और चिप्स जैसी चीजों से भी दूरी बना लेते हैं। फिर भी, कई लोगों का ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं होता।


इसका मुख्य कारण यह है कि हमारी डाइट में पोटैशियम की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने की प्रक्रिया अधूरी रह जाती है। हालांकि, इसे सुधारना मुश्किल नहीं है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि पोटैशियम की सही मात्रा क्या होनी चाहिए और इसे अपने आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है।


पोटैशियम की सही डोज

पोटैशियम न केवल अतिरिक्त नमक को शरीर से बाहर निकालता है, बल्कि यह आर्टरी की मांसपेशियों को भी आराम देता है। शोध के अनुसार, यदि दैनिक पोटैशियम की मात्रा 3.5 ग्राम से अधिक हो जाए, तो सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 4-6 mmHg तक की कमी आ सकती है। यह प्रभाव प्रारंभिक ब्लड प्रेशर दवाओं के समान होता है।


सुबह की शुरुआत को स्मार्ट बनाएं

हर सुबह 200 मिलीलीटर नारियल पानी या एक केला खाने से शुरू करें। इनमें लगभग 400 मिलीग्राम पोटैशियम होता है।


नाश्ते में आप अंकुरित मूंग चाट का सेवन कर सकते हैं, जिसमें लगभग 650 मिलीग्राम पोटैशियम और केवल 400 मिलीग्राम सोडियम होता है।


दोपहर के भोजन में पोटैशियम से भरपूर सब्जियों को शामिल करें।


शाम के स्नैक्स में चिप्स, पापड़ या भुजिया के बजाय बिना नमक वाली मूंगफली या उबले चने का सेवन करें।


रात के खाने में कच्चा केला या तुरई की सब्जी और अंकुरित मूंग का सेवन करें, जिसमें 600-700 मिलीग्राम पोटैशियम होता है।