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बाजार में नकली जीरे की बढ़ती समस्या: जानें कैसे पहचानें असली जीरा

हाल ही में दिल्ली में नकली जीरे की फैक्ट्री पर छापेमारी की गई, जहां असली जीरे की जगह जंगली घास और पत्थर का उपयोग किया जा रहा था। यह जानकर आपको हैरानी होगी कि बाजार में अधिकांश जीरा नकली है। इस लेख में जानें कि कैसे आप असली जीरे की पहचान कर सकते हैं और खरीदारी करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
 

जीरे में मिलावट की बढ़ती घटनाएं


आपने अक्सर दूध, दही, आटा और मिठाइयों में मिलावट की खबरें सुनी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी जीरे में मिलावट की बात सुनी है? यह जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है, लेकिन अब जीरा मिलावट की सूची में सबसे ऊपर आ गया है। यह नकली जीरा देखने में असली जीरे के समान ही होता है, इसलिए बाजार से जीरा खरीदते समय सतर्क रहना आवश्यक है।


नकली जीरे का कारोबार

जीरा एक ऐसा मसाला है जो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। लेकिन अब बाजार में मिलने वाला अधिकांश जीरा नकली है। हाल ही में, पुलिस ने दिल्ली के बवाना क्षेत्र में एक फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां नकली जीरा बनाने का काम चल रहा था। इस फैक्ट्री में एक विशेष प्रकार की घास, जो झाड़ू बनाने में उपयोग होती है, का इस्तेमाल जीरा बनाने में किया जा रहा था। इसके अलावा, पत्थर के दाने और गुड़ के शीरे का भी उपयोग किया जा रहा था। पुलिस ने इस छापेमारी में 20,000 किलो नकली जीरा और लगभग 8,000 किलो कच्चा माल बरामद किया।


नकली जीरा बनाने की प्रक्रिया

जानकारी के अनुसार, नकली जीरा बनाने वाली फैक्ट्री का मालिक उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के जलालाबाद का निवासी है। इस फैक्ट्री में नकली जीरा बनाने के लिए कोई विशेष मेहनत नहीं करनी पड़ती। यह केवल कुछ सामग्रियों जैसे जंगली घास, पत्थर के दाने और गुड़ के शीरे का उपयोग करके आसानी से तैयार किया जाता है। इसकी सस्ती कीमत के कारण यह बाजार में तेजी से बिकने लगा है। यदि आप जीरा का सेवन करते हैं, तो खरीदारी करते समय सावधानी बरतें और अच्छे से जांच-पड़ताल करें।