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प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली और चीन की नई सैटेलाइट सर्जरी

इस लेख में प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली के उदाहरणों के साथ-साथ चीन की नई सैटेलाइट आधारित सर्जरी तकनीक पर चर्चा की गई है। महाभारत और रामायण में चिकित्सा के उन्नत ज्ञान का उल्लेख किया गया है, जबकि चीन ने दूरस्थ सर्जरी में एक नई उपलब्धि हासिल की है। जानें कैसे ये दोनों विषय एक नई चिकित्सा दिशा में योगदान दे रहे हैं।
 

प्राचीन चिकित्सा की कहानियाँ

महाभारत और रामायण की कथाएँ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। दादा-दादी की कहानियों में अक्सर यह सुनने को मिलता है कि युद्ध के दौरान गंभीर रूप से घायल सैनिकों का सफलतापूर्वक इलाज किया जाता था।


महाभारत और रामायण के उदाहरण

महाभारत में अर्जुन की कहानी में कहा गया है कि उनकी दो बार मृत्यु हुई थी, और दोनों बार उन्हें प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से पुनर्जीवित किया गया। वहीं, रामायण में लक्ष्मण का इलाज रावण के चिकित्सक सुषेण ने किया था। भगवान गणेश का सिर भी भगवान शिव ने क्रोध में काट दिया था, जिसे पार्वती जी के कहने पर हाथी के सिर से बदल दिया गया।


प्राचीन चिकित्सा प्रणाली की उन्नति

ये उदाहरण दर्शाते हैं कि प्राचीन भारत में चिकित्सा प्रणाली अत्यंत विकसित थी। सर्जरी और आयुर्वेद का ज्ञान उस समय भी प्रचलित था। आज भी दुनिया भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों की सराहना करती है। हाल ही में, चीन ने सैटेलाइट और रोबोट के माध्यम से सर्जरी करने की तकनीक विकसित की है।


चीन की सैटेलाइट आधारित सर्जरी

चीन ने पहली बार सैटेलाइट आधारित अल्ट्रा-रिमोट सर्जरी का सफल परीक्षण किया है। इस तकनीक के माध्यम से युद्ध के मैदान में घायल सैनिकों का इलाज करना संभव होगा। चीन की सरकारी टीवी के अनुसार, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी जनरल अस्पताल के डॉक्टरों ने 36,000 किमी की ऊँचाई से ऑपरेशन किए।


सर्जरी की सफलता

बीजिंग में मरीजों की लीवर, गॉलब्लैडर और अग्न्याशय की सर्जरी स्वदेशी सर्जिकल रोबोट सिस्टम की मदद से की गई। सभी मरीज सफलतापूर्वक ठीक हो गए और उन्हें अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।


खतरनाक चोटों का इलाज

चीन की यह सैटेलाइट सर्जरी पर्वतीय क्षेत्रों और जलडमरूमध्य में भी कार्य कर सकती है। यह तकनीक जटिल ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम देती है। इसे चिकित्सा और सूचना प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।


Apstar-6D उपग्रह

Apstar-6D एक उच्च-थ्रूपुट संचार उपग्रह है, जिसे 2020 में लॉन्च किया गया था। इसकी क्षमता 50 जीबी प्रति सेकंड है और यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कार्य करता है। इस ऑपरेशन ने दूरस्थ सर्जरी को सामान्य और व्यावसायिक चिकित्सा प्रथा के करीब ला दिया है।