पैन-आधार लिंकिंग की अंतिम तिथि नजदीक, जानें क्या करें
पैन-आधार लिंकिंग की आवश्यकता
पैन-आधार की लिंकिंग
PAN-Aadhaar Link: साल के अंत में केवल 6 दिन बचे हैं, और इसी के साथ एक महत्वपूर्ण वित्तीय कार्य की अंतिम तिथि भी नजदीक आ रही है। यह आपके पैन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया है। यदि आपने अभी तक यह कार्य नहीं किया है, तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए। 31 दिसंबर के बाद, न केवल आपको आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि आपका पैन कार्ड भी बेकार हो जाएगा।
सरकार और आयकर विभाग लगातार लोगों को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। नियमों के अनुसार, पैन और आधार को लिंक करना अब अनिवार्य है। जो लोग इस समय सीमा को चूक जाएंगे, उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए समझते हैं कि यदि आपने यह कार्य नहीं किया तो आपकी वित्तीय स्थिति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
पैन कार्ड होगा निष्क्रिय
आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि पैन और आधार को लिंक करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2025 है। जो भी करदाता इस तिथि तक अपने पैन को आधार से नहीं जोड़ेंगे, उन्हें 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना ‘लेट फीस’ के रूप में लिया जाएगा क्योंकि लिंक करने की मूल समय सीमा पहले ही समाप्त हो चुकी है।
सबसे बड़ी चिंता केवल 1000 रुपये का जुर्माना नहीं है, बल्कि पैन कार्ड का ‘इनऑपरेटिव’ यानी निष्क्रिय हो जाना है। आयकर विभाग द्वारा 3 अप्रैल, 2025 को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि निर्धारित तिथि के बाद लिंक न होने वाले पैन कार्ड को सिस्टम में निष्क्रिय माना जाएगा। इसका सीधा अर्थ है कि आप उन सभी सेवाओं से वंचित रह जाएंगे जहां पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, जिन लोगों को 1 अक्टूबर, 2024 के बाद नया पैन आवंटित किया गया है, उनके लिए भी 31 दिसंबर तक लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है।
बैंकिंग और निवेश पर प्रभाव
यदि आपका पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाता है, तो इसका सबसे बुरा प्रभाव आपकी बैंकिंग सेवाओं पर पड़ेगा। एक निष्क्रिय पैन के साथ आप किसी भी बैंक में नया खाता नहीं खोल सकेंगे। इसके अलावा, यदि आप शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड या इक्विटी में निवेश करते हैं, तो वह भी रुक जाएगा। वित्तीय लेनदेन के लिए पैन कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और इसके बिना आपकी सभी निवेश योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
इसके अतिरिक्त, बैंकिंग लेनदेन में भी कई प्रतिबंध लग जाएंगे। आप बैंक में एक बार में 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा नहीं कर सकेंगे। साथ ही, 10,000 रुपये से अधिक के किसी भी बैंक ट्रांजैक्शन में कठिनाई हो सकती है। डेबिट या क्रेडिट कार्ड बनवाने या नवीनीकरण में भी पैन की आवश्यकता होती है, जो निष्क्रिय पैन की स्थिति में संभव नहीं होगा।
टैक्स रिफंड और टीडीएस की समस्याएं
पैन कार्ड के निष्क्रिय होने का सबसे गंभीर प्रभाव टैक्स भरने वालों पर पड़ेगा। आप अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं कर सकेंगे। यदि आपका कोई पुराना रिफंड आयकर विभाग के पास रुका हुआ है, तो वह भी अटक जाएगा। समस्या यहीं समाप्त नहीं होती। जब आपका पैन सक्रिय नहीं होता है, तो टीडीएस (TDS) और टीसीएस (TCS) की कटौती सामान्य दर से कहीं अधिक ऊंची दर पर की जाती है। इसका सीधा असर आपकी जमा पूंजी पर पड़ेगा।
साथ ही, आप फॉर्म 26AS का उपयोग नहीं कर सकेंगे और न ही आपको टीडीएस सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। यदि भविष्य में आपको फिर से पैन कार्ड चालू कराना पड़ा या नया बनवाना पड़ा, तो वह प्रक्रिया बहुत लंबी और जटिल हो सकती है। इसलिए समझदारी इसी में है कि 31 दिसंबर का इंतजार किए बिना, आज ही 1000 रुपये की लेट फीस भरकर अपने पैन और आधार को लिंक कर लें और भविष्य की परेशानियों से बचें।
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