नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अनाथ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: एक नई उम्मीद
ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्देश्य केवल उड़ान सेवाएं प्रदान करना नहीं है। यह हजारों युवाओं, विशेषकर अनाथ और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े युवाओं के जीवन को बदलने का कार्य करेगा। जेवर में विकसित हो रहा मल्टीमॉडल कार्गो हब हजारों युवाओं के लिए नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।
अनाथों के लिए रोजगार के नए अवसर
एयर इंडिया SATS नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के परिसर में 87 एकड़ में फैले अत्याधुनिक कार्गो हब का निर्माण कर रहा है। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, 18 वर्ष से ऊपर के अनाथ युवाओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके बाद उन्हें वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स और कार्गो संचालन जैसे क्षेत्रों में नौकरी दी जाएगी।
दिल्ली और हैदराबाद में प्रशिक्षण का अवसर
युवाओं को दिल्ली और हैदराबाद में स्थित टर्मिनल ट्रेनिंग एकेडमी में शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ वास्तविक कार्य अनुभव प्रदान किया जाएगा। प्रारंभ में, उन्हें कार्गो सुरक्षा, दस्तावेज़ीकरण और वेयरहाउस संचालन जैसे कार्यों की जिम्मेदारी दी जाएगी। उनके कौशल के आधार पर, बाद में उन्हें पर्यवेक्षक या विशेषज्ञ पदों की पेशकश की जाएगी।
एशिया के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स गेटवे के रूप में उभरता कार्गो टर्मिनल
कार्गो हब की बुनियादी ढांचे का निर्माण तेजी से चल रहा है। यहां 42 ट्रकों और 27 भारी वाहनों के लिए पार्किंग और डॉकिंग सुविधाएं विकसित की गई हैं। पूरा होने पर, यह कार्गो टर्मिनल भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स केंद्रों में से एक होगा और नोएडा को एशिया का प्रमुख लॉजिस्टिक्स गेटवे बना देगा।
हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर
ओएसडी शैलेन्द्र भाटिया के अनुसार, कार्गो हब का निर्माण तेजी से प्रगति कर रहा है। यह उड़ान सेवाएं शुरू होने से पहले पूरी तरह से कार्यात्मक हो जाएगा। यहां हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है, जिसमें अनाथ युवा भी शामिल हैं।