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नई टैक्स व्यवस्था में 12 लाख की आय को टैक्स फ्री करने का महत्व

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट में 12 लाख रुपये की आय को टैक्स फ्री करने की घोषणा की है। इस नई टैक्स व्यवस्था में मिडिल क्लास को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जानें कि कैसे 4 से 8 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है और इसके पीछे का तर्क क्या है। इस लेख में टैक्स स्लैब और रिबेट के लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
 

बजट में मिडिल क्लास को मिली राहत


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट में मिडिल क्लास के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें नई टैक्स व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये की आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है। इसके साथ ही, व्यक्तिगत करदाताओं को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा।


इस प्रकार, आम आदमी की कुल 12.75 लाख रुपये की आय अब टैक्स-फ्री हो गई है। हालांकि, बजट में जो टैक्स स्लैब घोषित किया गया है, उसके अनुसार 4 से 8 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है। इस स्थिति का क्या अर्थ है?


टैक्स रिबेट का महत्व

इस भ्रम का समाधान आयकर अधिनियम-1961 की धारा-87A में छिपा है। सरकार आम आदमी का टैक्स कैलकुलेशन विभिन्न आय ब्रैकेट के अनुसार करती है, लेकिन वास्तविक टैक्स वसूल नहीं करती। इसे टैक्स रिबेट कहा जाता है, जिसका लाभ नई और पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्थाओं में मिलता है।


पुरानी टैक्स व्यवस्था में रिबेट का लाभ


देश में पुरानी टैक्स व्यवस्था अभी भी लागू है। इस व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होती है, और 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता। इस प्रकार, आपकी टैक्स-फ्री आय 5 लाख रुपये हो जाती है।


नई टैक्स व्यवस्था का विवरण

नई टैक्स व्यवस्था में सरकार ने आयकर रिबेट के दायरे को बढ़ा दिया है। पिछले साल जुलाई में, सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री किया था। अब, यह सीमा बढ़ाकर 12.75 लाख रुपये कर दी गई है।


जैसे ही आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक होती है, आपका टैक्स ब्रैकेट बदल जाता है। इस स्थिति में, टैक्स कैलकुलेशन उसी ब्रैकेट के अनुसार होता है।


इनकम टैक्स
0-4 लाख रुपये शून्य
4-8 लाख रुपये 5 प्रतिशत
8-12 लाख रुपये 10 प्रतिशत
12-16 लाख रुपये 15 प्रतिशत
16-20 लाख रुपये 20 प्रतिशत
20-24 लाख रुपये 25 प्रतिशत
24 लाख रुपये से अधिक 30 प्रतिशत


टैक्स कैलकुलेशन का उदाहरण

मान लीजिए आपकी आय 4 लाख रुपये है, तो सरकार आपसे कोई टैक्स नहीं लेगी। लेकिन जैसे ही आपकी आय 4 लाख रुपये से अधिक होती है, आप 5 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में आ जाएंगे। इस ब्रैकेट में आपका अधिकतम टैक्स 20,000 रुपये बनेगा, लेकिन रिबेट के कारण आपको यह टैक्स नहीं चुकाना होगा।


यदि आपकी आय 8 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तो आप 10 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में आएंगे। इस पर आपका अधिकतम टैक्स 60,000 रुपये बनेगा, लेकिन सरकार आपको रिबेट देगी।


इनकम टैक्स कैलकुलेटर


जैसे ही आपकी आय 12 लाख रुपये से अधिक होती है, आप 15 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में आएंगे और टैक्स रिबेट का लाभ नहीं मिलेगा। इस प्रकार, आपका कुल इनकम टैक्स 1,20,000 रुपये होगा।


टैक्स कैलकुलेशन की प्रक्रिया

यदि आपकी आय 16 लाख रुपये से अधिक होती है, तो आपको 20 प्रतिशत टैक्स के अनुसार कुल इनकम टैक्स 2 लाख रुपये देना होगा। इसी तरह, 20 से 24 लाख रुपये के ब्रैकेट में 25 प्रतिशत के अनुसार कुल टैक्स 3 लाख रुपये होगा।