×

दिव्यांक और भाविन तुरखिया: दो भाइयों की प्रेरणादायक सफलता की कहानी

दिव्यांक और भाविन तुरखिया की कहानी एक प्रेरणादायक सफर है, जो मुंबई के एक मध्यमवर्गीय परिवार से शुरू होकर अरबपति बनने तक पहुंचती है। इन भाइयों ने अपनी मेहनत और लगन से भारतीय 'ऐड टेक' क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। जानें कैसे इन्होंने अपने करियर में एक दर्जन कंपनियों की स्थापना की और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ। क्या आप भी उनकी कहानी से प्रेरित होना चाहते हैं? पढ़ें पूरी कहानी!
 

किस्मत और मेहनत का अनोखा संगम

किस्मत कब बदल जाए, यह कहना मुश्किल है, लेकिन सही दिशा में प्रयास करने से सब कुछ संभव है। आज हम आपको दो भाइयों की कहानी सुनाएंगे, जो मुंबई के निवासी हैं। इनकी सफलता की कहानी ने सभी को हैरान कर दिया है।


इन भाइयों का जीवन चार्टेड प्लेन, महंगी गाड़ियों और आलीशान बंगलों से भरा हुआ है। आज ये देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में गिने जाते हैं। भारतीय 'ऐड टेक' क्षेत्र में इनकी पहचान एक प्रमुख हस्ती के रूप में है। इनकी मेहनत ने इन्हें डेढ़ दशक में लगभग एक दर्जन कंपनियों की स्थापना करने में मदद की, जिनमें से पांच को बेचकर ये अमीरों की सूची में शामिल हो गए हैं।


दिव्यांक और भाविन का सफर


इन भाइयों के नाम दिव्यांक और भाविन तुरखिया हैं। ये दोनों आज देश के प्रमुख व्यवसायियों में से एक माने जाते हैं। इनकी निजी संपत्ति हजारों करोड़ों में है। इनकी कहानी वाकई प्रेरणादायक है। मुंबई के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे, इनका बचपन जुहू और अंधेरी में बीता। दिव्यांक ने 13 साल की उम्र में अपने भाई के साथ मिलकर एक स्टॉक मार्केट सिमुलेशन गेम बनाया।


जैसे-जैसे उनकी कंप्यूटर में रुचि बढ़ी, पढ़ाई से उनका ध्यान हटता गया। हालांकि, पिता के दबाव में उन्होंने बी.कॉम में दाखिला लिया, लेकिन कॉलेज नहीं गए। दोनों भाई घर पर कोडिंग में व्यस्त रहते थे। कोडिंग में महारत हासिल करने के बाद, उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू करने का मन बनाया।


व्यवसाय की शुरुआत

शुरुआत में पूंजी की कमी एक बड़ी चुनौती थी। अंततः, उनके पिता ने 25,000 रुपये का कर्ज देने पर सहमति जताई। 16 साल की उम्र में, दिव्यांक और भाविन ने इस पैसे से 'डायरेक्टी' नामक कंपनी की स्थापना की, जो वेबसाइटों और इंटरनेट सेवाओं की पेशकश करती थी। इसी कंपनी के तहत 'बिगरॉक' का जन्म हुआ, जो अब एक प्रमुख डोमेन रजिस्ट्रार है।


2001 में, दोनों भाइयों ने एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित किया। अब तक, उन्होंने डायरेक्टी के तहत 11 स्टार्टअप्स की स्थापना की है। वर्तमान में, डायरेक्टी ग्रुप में 1,000 कर्मचारी और 10 लाख ग्राहक हैं। कंपनी की वार्षिक वृद्धि दर 120 प्रतिशत है।


बड़े सौदे और उपलब्धियां

कुछ साल पहले, तुरखिया भाइयों ने एंड्युरेंस इंटरनेशनल ग्रुप को 1,000 करोड़ रुपये में चार ब्रांड बेचे। मीडिया नेट, जो गूगल के एड सेंस का प्रतिस्पर्धी उत्पाद है, ने पिछले साल 1,554 करोड़ रुपये की कमाई की।


हाल ही में, उन्होंने ऑनलाइन विज्ञापन वेंचर मीडिया नेट को एक चीनी समूह को 90 करोड़ डॉलर में बेचा, जिससे उन्होंने गूगल और ट्विटर को भी पीछे छोड़ दिया।


हालांकि, दोनों भाइयों के पास इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं है, फिर भी वे बेहतरीन कोडर हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया है। आज, तुरखिया भाइयों को 'फर्स्ट इंडियन इंटरनेट आंत्रप्रेन्योर्स' के रूप में जाना जाता है।


आपकी राय

क्या आपको यह कहानी प्रेरणादायक लगी? हमें अपने विचार कमेंट में बताना न भूलें।