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दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि पर नई नियमावली

दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि पर नियंत्रण लगाने के लिए एक नई नियमावली लागू की है। अब स्कूलों को अपनी मर्जी से फीस नहीं बढ़ाने की अनुमति होगी। इसके लिए 11 सदस्यीय कमेटी का गठन अनिवार्य है, जिसमें 5 अभिभावक शामिल होंगे। इस कमेटी को फीस वृद्धि के प्रस्तावों पर निर्णय लेने का अधिकार होगा। जानें इस नए कानून के तहत स्कूलों पर क्या कार्रवाई की जा सकती है और कैसे कमेटी का गठन किया जाएगा।
 

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों पर नई फीस नियमावली

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों पर सख्ती Image Credit source: Getty image


दिल्ली प्राइवेट स्कूल फीस: अब दिल्ली में प्राइवेट स्कूल अपनी मर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन (फीस तय करने और नियमन) एक्ट, 2025 को लागू करना शुरू कर दिया है। इसके तहत सभी प्राइवेट स्कूलों को एक कमेटी बनानी होगी। इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। 10 जनवरी 2026 तक गठित होने वाली इस 11 सदस्यीय कमेटी में 5 अभिभावकों को शामिल करना अनिवार्य होगा। यह कमेटी ही फीस वृद्धि के मामलों में निर्णय लेगी।


स्कूलों को 25 जनवरी तक प्रस्ताव देने की अनुमति

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली सरकार ने 1973 के कानून के तहत स्कूल फीस फिक्सेशन कानून बनाया है, जिसे सभी प्राइवेट स्कूलों को मानना होगा। शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को फीस रेगुलेशन कानून के तहत कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। सभी स्कूलों को 10 जनवरी 2026 तक 11 सदस्यीय कमेटी बनानी होगी, जिसमें 5 अभिभावक शामिल होंगे। यदि कोई प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ाना चाहता है, तो उसे 25 जनवरी तक प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा, और कमेटी को एक महीने के भीतर निर्णय लेना होगा।


कमेटी का गठन कैसे होगा?

दिल्ली स्कूल एजुकेशन (फीस तय करने और नियमन) एक्ट, 2025 के तहत हर प्राइवेट स्कूल को एक कमेटी बनानी होगी, जिसे स्कूल कमेटी कहा जाएगा। इस 11 सदस्यीय कमेटी का अध्यक्ष प्रबंधन का प्रतिनिधि होगा, जबकि स्कूल प्रिंसिपल सदस्य सचिव होंगे। शिक्षा निदेशालय का एक अधिकारी पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होगा। कमेटी में 5 अभिभावक और 3 शिक्षक भी होंगे, जिनका चयन लकी ड्रा के माध्यम से किया जाएगा।


प्राइवेट स्कूलों पर जुर्माना

दिल्ली स्कूल एजुकेशन (फीस तय करने और नियमन) एक्ट, 2025 के तहत नियमों का पालन न करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि कोई स्कूल बिना कमेटी की मंजूरी के फीस बढ़ाता है, तो उस पर पहली बार 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि स्कूल बढ़ी हुई फीस वापस नहीं करता है, तो जुर्माना दोगुना हो जाएगा। बार-बार नियमों के उल्लंघन पर स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।