×

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ निर्णय से शेयर बाजार में भारी गिरावट

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के निर्णय ने वैश्विक बाजारों में हड़कंप मचा दिया है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में भी भारी गिरावट आई है। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के पीछे विदेशी निवेशकों की बिकवाली और व्यापार तनाव का बड़ा हाथ है। जानें इस स्थिति का बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा और आगे की संभावनाएं क्या हैं।
 

शेयर बाजार में गिरावट का कारण


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने के निर्णय के बाद, वैश्विक बाजारों में दबाव बढ़ गया है। भारतीय शेयर बाजार पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जहां प्री-ओपनिंग सेशन में सेंसेक्स 440 अंक (0.57%) गिरकर 77,060 पर पहुंच गया। इसी दौरान, निफ्टी भी 162.80 अंक (0.69%) की गिरावट के साथ 23,320 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था.


बाजार खुलते ही बिकवाली का दबाव

जैसे ही बाजार खुला, बिकवाली का दबाव बढ़ गया। सेंसेक्स 710.70 अंकों की गिरावट के साथ 76,795.26 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 211.75 अंक गिरकर 23,270.40 पर ट्रेड कर रहा था। शुरुआती कारोबार में बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई, विशेषकर बैंकिंग, आईटी और ऑटो सेक्टर में.


निवेशकों में बेचैनी का माहौल

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के संकेतों ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। यदि अमेरिका अपने आयात शुल्क में बड़ा बदलाव करता है, तो इसका प्रभाव भारतीय कंपनियों और निर्यातकों पर भी पड़ेगा। इस चिंता के चलते विदेशी निवेशकों ने बिकवाली तेज कर दी, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा.


दुनियाभर में व्यापार तनाव

ट्रंप ने चीन, कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की है, जिससे वैश्विक बाजारों में हड़कंप मच गया है। ट्रंप प्रशासन ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाले उत्पादों पर 25% और चीन के सामानों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जो मंगलवार से लागू होगा। इस निर्णय के बाद इन देशों ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी शुरू कर दी है, जिससे व्यापार तनाव और बढ़ गया है.


भविष्य की बाजार चाल

इस घटनाक्रम के बाद निवेशकों में घबराहट देखी जा रही है। एशियाई बाजारों में भारी गिरावट आई, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा। बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह ट्रेड वॉर बढ़ता है, तो इसका प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा.


विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी पर आने वाले अपडेट्स और वैश्विक बाजारों की गतिविधियों से बाजार में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.