झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त बिजली योजना का लाभ
झारखंड सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना की घोषणा की है। यह योजना टाटा स्टील यूआईएसएल, सेल (बोकारो) और बीसीसीएल (धनबाद) जैसे प्रदाताओं के ग्राहकों को लाभान्वित करेगी। इसके अलावा, राज्य कर्मचारी बीमा योजना में भी बदलाव की प्रक्रिया चल रही है। जानें इस योजना के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
Jul 4, 2025, 18:16 IST
झारखंड सरकार की नई योजना
झारखंड से बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक सकारात्मक समाचार आया है। राज्य सरकार ने टाटा स्टील यूआईएसएल, सेल (बोकारो) और बीसीसीएल (धनबाद) जैसे बिजली प्रदाताओं के ग्राहकों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना पर विचार कर रही है। यह जानकारी शहरी विकास, ऊर्जा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने राज्य विधानसभा में जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय की अध्यक्षता में आयोजित विधायी समिति की बैठक में दी। एक समिति ने इस मामले का अध्ययन किया है और अन्य बिजली प्रदाताओं के उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाले पेयजल कनेक्शन और 200 यूनिट मुफ्त बिजली जैसे लाभ देने की सिफारिश की है।
अंतिम मंजूरी की प्रक्रिया
राय ने एक बयान में कहा कि इस सिफारिश को अब राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने राज्य कर्मचारी बीमा योजना (एसईआईएस) के प्रावधानों में संशोधन करने पर भी सहमति जताई है, ताकि इसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों सहित सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए वैकल्पिक बनाया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि जमशेदपुर पश्चिम के विधायक ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था। शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने कहा कि समिति ने विभिन्न क्षेत्रों में पानी के कनेक्शन शुल्क की समीक्षा की है और सिफारिश की है कि शुल्क 7,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। राय ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
राज्य कर्मचारी बीमा योजना में बदलाव
राज्य कर्मचारी बीमा योजना को लेकर भी सरकार ने महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं। वर्तमान में लागू योजना को लेकर कई कर्मचारियों ने असंतोष व्यक्त किया था और इसे पहले की तुलना में अधिक जटिल और महंगी बताया था। कर्मचारियों के सुझावों के आधार पर, सरकार ने बीमा योजना के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि वर्ग ‘क’ के सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दी गई इस योजना को अब ऐच्छिक बनाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर विचार के लिए भेजा जाएगा।