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जीएसटी सुधार 2025: आम जनता के लिए बढ़ती बचत के अवसर

जीएसटी में हालिया सुधारों के तहत, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि 99% वस्तुओं पर जीएसटी दर को 5% कर दिया गया है। यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा और इसका उद्देश्य आम जनता के लिए बचत के अवसर बढ़ाना है। विशेष रूप से मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों को इस सुधार से लाभ होगा, क्योंकि दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। जानें इस सुधार के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में और कैसे यह भारत की कर प्रणाली को प्रभावित करेगा।
 

जीएसटी में महत्वपूर्ण बदलाव


जीएसटी में हालिया सुधारों के बाद यह दावा किया जा रहा है कि आम लोगों के लिए बचत के अवसर बढ़ेंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि 99% वस्तुओं, जो पहले 12% जीएसटी दर पर थीं, अब 5% की दर पर उपलब्ध होंगी, जिससे विशेष रूप से मध्यम वर्ग और गरीबों को लाभ होगा।

केंद्रीय सरकार ने जीएसटी में सुधारों की घोषणा की है, जो 22 सितंबर से प्रभावी होंगे। इसमें लग्जरी और अन्य वस्तुओं पर अधिक जीएसटी लगाने पर जोर दिया गया है, जबकि दैनिक उपयोग की चीजों पर जीएसटी दर को कम किया गया है। इससे उम्मीद है कि आम जनता के पास बचत के लिए अधिक धन बचेगा और उनकी खरीदारी की क्षमता में वृद्धि होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को विजाग में आयोजित “नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधार” कार्यक्रम में बताया कि जीएसटी में किए गए बदलावों से आम जनता के हाथ में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त आएंगे। उन्होंने कहा कि 99% वस्तुओं को 5% की दर पर लाने से मध्यम वर्ग और गरीबों को विशेष लाभ होगा।

जीएसटी में बड़ा सुधार

निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह जीएसटी सुधार 2017 में लागू किए गए वन नेशन, वन टैक्स के बाद का सबसे बड़ा परिवर्तन है। नए नियमों के तहत 12% और 28% की दरें समाप्त कर दी गई हैं। अब अधिकांश दैनिक खाद्य और किराने की वस्तुओं पर केवल 5% की दर लागू होगी, जबकि दूध, ब्रेड और पनीर जैसी आवश्यक वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं होगा। इससे इन वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी और आम आदमी की जिंदगी आसान होगी।

करदाता संख्या में वृद्धि

वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी से जुड़े करदाताओं की संख्या 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है। यह वृद्धि इस सुधार की सफलता का एक महत्वपूर्ण संकेत है। जीएसटी का राजस्व 2018 में 7.19 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 22.08 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार ने न केवल कर प्रणाली को सरल बनाया है, बल्कि इसकी पहुंच भी बढ़ाई है।

किसे मिलेगा लाभ?

सीतारमण ने कहा कि यह सुधार केवल उद्योगों के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी दस गुना अधिक लाभकारी होगा। विशेष रूप से मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों की जेब पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स कम होने से उनकी खरीद क्षमता बढ़ेगी।

नए जीएसटी स्लैब

– 5% जीएसटी दर पर अधिकांश दैनिक उपयोग की वस्तुएं आएंगी।
– दूध, ब्रेड और पनीर जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा।
– 12% और 28% स्लैब समाप्त कर दिए गए हैं।
– टैक्स व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।

सरकार का उद्देश्य

वित्त मंत्री का कहना है कि यह सुधार भारत की कर व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो “गरीबी कम करने और आम आदमी की जिंदगी सुधारने” की दिशा में है। इससे करदाताओं की संख्या बढ़ेगी और सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी.