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ग्रो का आईपीओ: 45% की वृद्धि और 91,500 करोड़ का मार्केट कैप

ग्रो के आईपीओ ने निवेशकों को पिछले दो दिनों में 45% का लाभ दिया है, जिससे कंपनी का मार्केट कैप 91,500 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इस लेख में जानें कि कैसे ग्रो ने अपने लिस्टिंग के बाद निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया और विशेषज्ञों की राय क्या है। क्या आप भी ग्रो में निवेश करने का सोच रहे हैं? जानें इसके बारे में अधिक जानकारी!
 

ग्रो का आईपीओ और निवेशकों की प्रतिक्रिया

ग्रो शेयर प्राइस

हाल के दिनों में शेयर बाजार में नए आईपीओ की बाढ़ आई है। पहले लेंसकार्ट का आईपीओ आया, और अब निवेश प्लेटफॉर्म ग्रो की मूल कंपनी बिलियनब्रेंस गैराज वेंचर्स का आईपीओ भी बाजार में लिस्ट हुआ है। इस आईपीओ ने निवेशकों को शानदार लाभ दिया है। ग्रो का आईपीओ पिछले दो दिनों में अपने इश्यू प्राइस से 45% तक बढ़ गया है। कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है, जो गुरुवार रात 11:45 बजे तक 90,863 करोड़ रुपये को पार कर गया। यह वृद्धि तब हुई जब शेयर ने लिस्टिंग के बाद लगातार दूसरे दिन अपनी तेजी बनाए रखी और बीएसई पर 17.2% की बढ़त के साथ 153.50 रुपये के नए शिखर पर पहुंच गया। हालांकि, लेख लिखे जाने तक ग्रो का शेयर 11.04% की तेजी के साथ 145.40 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

अगर ऑल-टाइम हाई की बात करें, तो यह बढ़त आईपीओ निवेशकों के लिए 53.5% का शानदार लाभ दर्शाती है, जिन्हें ये शेयर 100 रुपये के दाम पर मिले थे। इसके अलावा, शेयर बीएसई पर अपने 114 रुपये के लिस्टिंग प्राइस से 34.6% ऊपर पहुंच गया है। ग्रो के शेयर में लगातार तेजी ने निवेशकों का ध्यान कंपनी के शुरुआती प्रदर्शन पर टिकाए रखा है, जिसे बड़े संस्थागत और आम निवेशकों की मजबूत मांग मिली है। अब विशेषज्ञ कंपनी की बुनियादी मजबूती, बिजनेस की दिशा और लिस्टिंग के बाद की निवेश रणनीति पर ध्यान दे रहे हैं।

एक रिपोर्ट में मेहता इक्विटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा कि ग्रो की लिस्टिंग हमारी उम्मीद से थोड़ी बेहतर रही और इसका मूल्यांकन उचित लगता है, क्योंकि कंपनी के पास ग्राहकों की तेजी से बढ़ती संख्या (10 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर), खुदरा निवेश में मजबूत पहचान, F&O और म्यूचुअल फंड में बढ़ती हिस्सेदारी और कम खर्च वाला एक डिजिटल बिजनेस मॉडल है। तापसे का कहना है कि ग्रो एक मजबूत दीर्घकालिक कहानी है, जो भारत के बढ़ते शेयर बाजार भागीदारी का प्रतीक बन सकती है।

लिस्टिंग के बाद निवेश के बारे में उन्होंने कहा कि-

  • जिन्हें शेयर मिले हैं, उन्हें कंपनी की मजबूती और विकास की संभावना को देखते हुए इसे लंबे समय तक रखना चाहिए। हालांकि, मध्यम अवधि में 125-130 रुपये के लक्ष्य के साथ थोड़े-बहुत बाजार जोखिम स्वीकार करें।
  • बाकी जिन्हें शेयर नहीं मिले हैं, वे भी ग्रो पर नजर रखें और अगर शेयर की कीमत कभी नीचे आती है, तो उसमें धीरे-धीरे निवेश जोड़ सकते हैं।

मास्टर कैपिटल सर्विसेज ने अपने रिपोर्ट में आईपीओ के दौरान निवेशकों की बड़ी दिलचस्पी का ज़िक्र किया और बताया कि ग्रो का आईपीओ कुल 17.60 गुना सब्सक्राइब हुआ। कंपनी ने बताया कि ग्रो के प्लेटफॉर्म पर सक्रिय यूजर्स की संख्या वित्त वर्ष 2023 की शुरुआत से जून 2025 तक 52.74% की सालाना औसत वृद्धि दर से बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते निवेश प्लेटफॉर्म में से एक होने के नाते, बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स लिमिटेड (ग्रो) अपनी तकनीकी और ग्राहक-केंद्रित सोच के कारण इस रफ्तार का अच्छा फायदा उठा सकता है।

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट की वेल्थ प्रमुख शिवानी न्याति ने भी यही राय रखी। उन्होंने कहा कि ग्रो ने शेयर बाजार में अच्छी शुरुआत की, लगभग 112 रुपये जो 100 रुपये के इश्यू प्राइस से करीब 12% ज्यादा है पर लिस्ट हुआ, जो निवेशकों के भरोसे और ग्रो के मजबूत ब्रांड की पहचान को दिखाता है। न्याति ने कहा कि ग्रो के पास कम लागत में ग्राहक जोड़ने की क्षमता, अधिक सक्रिय यूजर्स, म्यूचुअल फंड से शेयर निवेश में बढ़िया रूपांतरण दर और लगातार बढ़ते एयूएम जैसी खूबियां हैं। हालांकि, उन्होंने फिनटेक और ब्रोकरेज सेक्टर में ऊंचे वैल्यूएशन और सरकारी नियमों से जुड़ी अनिश्चितताओं पर भी चिंता जताई.