क्रेडिट कार्ड के उपयोग में छिपे चार्ज और पेनल्टी से बचने के उपाय
क्रेडिट कार्ड का उपयोग: एक नया युग
पहले, जब कोई सामान खरीदने की बात आती थी, तो भुगतान तुरंत करना आवश्यक होता था। उस समय नकद लेन-देन का प्रचलन था, जिससे कई बार लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। बैंकों के चक्कर लगाने के बावजूद, कई बार पैसे नहीं मिल पाते थे, जिससे महत्वपूर्ण कार्य रुक जाते थे। लेकिन अब समय बदल चुका है, और देश भी डिजिटल हो गया है। आजकल लोग नकद रखने के बजाय डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना अधिक सुविधाजनक मानते हैं, जिससे उनका समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।
क्रेडिट कार्ड का विकास
डिजिटल युग में, लोगों की सोच भी बदल गई है। पहले, क्रेडिट कार्ड का उपयोग केवल कुछ ही लोगों द्वारा किया जाता था, लेकिन अब यह एक आम बात बन गई है। अब बैंक द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं इतनी सरल हो गई हैं कि आपको पैसे के लिए गिड़गिड़ाने की आवश्यकता नहीं होती। बस कुछ शर्तों को पूरा करना होता है और आप अपनी सुविधा के अनुसार क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड के लाभ और छिपे हुए चार्ज
आजकल, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका है। क्रेडिट कार्ड की मदद से, शॉपिंग के बाद तुरंत आपके बैंक खाते से पैसे नहीं कटते हैं। बैंक आपको पहले पैसे देता है और बाद में आपको बिल का भुगतान करना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड पर कई छिपे हुए चार्ज भी होते हैं? इन्हें जानना आपके लिए आवश्यक है।
बिल का समय पर भुगतान न करने पर पेनल्टी
समय पर बिल का भुगतान करें
यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड का मासिक बिल समय पर नहीं चुकाते हैं, तो आपको 10% से 22% तक ब्याज पेनल्टी के रूप में चुकानी पड़ सकती है। विभिन्न बैंकों की पेनल्टी अलग-अलग होती है, इसलिए यह बेहतर होगा कि आप हर महीने अपने बिल की जांच करें और समय पर भुगतान करें।
मिनिमम अमाउंट का भुगतान न करें
सिर्फ न्यूनतम राशि का भुगतान न करें
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में न्यूनतम राशि का भुगतान करने का विकल्प होता है, लेकिन केवल न्यूनतम राशि का भुगतान करने से आपको यह नहीं पता होता कि बाकी राशि पर पेनल्टी लगती रहती है। जब आपकी क्रेडिट लिमिट तक पहुंच जाती है, तो बैंक आपको सूचित नहीं करता और छिपे हुए चार्ज वसूल करता रहता है।
फिक्स रेट का ध्यान रखें
फिक्स रेट नहीं होते हैं फिक्स
यह ध्यान देने योग्य है कि क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली बैंक आपके एपीआर को कभी भी बढ़ा सकती है। यह जानकारी आमतौर पर छिपाई जाती है, लेकिन इसे कार्डहोल्डर एग्रीमेंट में दिया जाता है। आप एक फिक्स इंटरेस्ट रेट पर साइन करते हैं, लेकिन कंपनी इसे कभी भी बदल सकती है। आपको 15 दिन पहले रेट बढ़ाने की सूचना दी जानी चाहिए, इसलिए अपनी मेल चेक करना न भूलें।