कचनार (Mountain Ebony) के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ
कचनार (Mountain Ebony) का परिचय
नमस्कार दोस्तों, आपका स्वागत है Khabar Monkey में। आज हम एक ऐसी औषधि के बारे में चर्चा करेंगे जो गाँठों को गलाने, कैंसर के इलाज, और दांतों तथा पेट की समस्याओं में सहायक है।
कचनार, जिसे अंग्रेजी में माउंटेन एबोनी कहा जाता है, के पत्ते प्रारंभ में जुड़े होते हैं और किनारों पर खुलते हैं, जो हृदय के आकार के होते हैं।
कचनार के फूलों की कलियां हरी होती हैं, जबकि खिले हुए फूल सफेद, लाल और पीले रंग के होते हैं।
इसकी छाल में टैनिन, शर्करा और एक भूरे रंग का गोंद पाया जाता है। कचनार के बीजों से पीले रंग का तेल निकलता है, और ये पौष्टिक तथा उत्तेजक होते हैं।
कचनार (Mountain Ebony) के 10 लाभ
कुबड़ापन: बच्चों में कुबड़ापन के लिए, उनके पीठ के नीचे कचनार का फूल रखकर सुलाने से लाभ होता है। इसके अलावा, 60 से 120 मिलीग्राम कचनार और गुग्गुल को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से भी कुबड़ापन दूर होता है।
पेट की गैस: कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर, 20 मिलीलीटर काढ़े में आधा चम्मच पिसी हुई अजवायन मिलाकर सेवन करने से गैस की समस्या में राहत मिलती है।
कब्ज: कचनार के फूलों को चीनी के साथ मिलाकर शर्बत बनाकर पीने से कब्ज दूर होती है।
पेट की सफाई: कचनार के फूलों का गुलकन्द रात में सोने से पहले 2 चम्मच की मात्रा में सेवन करने से पेट साफ होता है।
त्वचा का सुन्न होना: कचनार की छाल का चूर्ण 2 से 4 ग्राम की मात्रा में खाने से त्वचा की सुन्नता दूर होती है।
गांठ: कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर, 20 मिलीग्राम काढ़े में सोंठ मिलाकर पीने से शरीर की गांठें गलती हैं।
बवासीर: कचनार की छाल का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में एक गिलास छाछ के साथ लेने से बवासीर में लाभ होता है।
दांतों के रोग: कचनार की छाल को उबालकर उसका पानी कुल्ला करने से दांतों की समस्याएं दूर होती हैं।
दस्त: कचनार की छाल का काढ़ा दिन में 2 बार पीने से दस्त में राहत मिलती है।
कैंसर: कचनार की छाल का काढ़ा पीने से पेट के कैंसर में सुधार होता है।
ध्यान देने योग्य बातें
कचनार का अधिक सेवन करने से यह धीरे-धीरे हजम होती है और कब्ज पैदा कर सकती है।