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अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया, यूरोप से भी समर्थन की मांग

अमेरिका ने भारत से होने वाले निर्यात पर 50% तक का बढ़ा हुआ टैक्स लागू किया है, जिससे भारतीय उद्योगों में चिंता बढ़ गई है। इस निर्णय का सीधा असर व्यापार पर पड़ेगा। इसके साथ ही, अमेरिका ने यूरोपीय देशों से भी अपील की है कि वे भारत पर कड़े टैरिफ लगाएं। अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भी भारत पर भारी टैरिफ लगाने की मांग की है, यह कहते हुए कि भारत रूस से तेल खरीदकर युद्ध नीति को समर्थन दे रहा है।
 

भारत पर बढ़ा हुआ टैरिफ

भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 50% तक का बढ़ा हुआ टैक्स लागू हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह निर्णय भारत के व्यापार पर गंभीर प्रभाव डालने वाला है। कई महत्वपूर्ण भारतीय उद्योग, विशेषकर निर्यात से जुड़े क्षेत्र, इस निर्णय के कारण भारी नुकसान की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन यह मामला यहीं समाप्त नहीं होता; अमेरिका ने यूरोपीय देशों पर भी दबाव डालना शुरू कर दिया है कि वे भी भारत पर कड़े टैरिफ लागू करें।


यूरोप से समर्थन की मांग

अमेरिका ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना है, तो भारत जैसे देशों पर दबाव डालना आवश्यक है। अमेरिका का मानना है कि भारत की कुछ नीतियां पश्चिमी देशों की रणनीति के अनुरूप नहीं हैं। इसी कारण ट्रंप प्रशासन चाहता है कि यूरोप भी भारत के खिलाफ आर्थिक मोर्चा खोले और व्यापारिक टैरिफ को सख्त करे। अब तक यूरोप ने भारत के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे अमेरिका में नाराज़गी बढ़ गई है। अमेरिका का मानना है कि यूरोपीय देशों को चुप रहने के बजाय उसके साथ खड़ा होना चाहिए।


भारत पर भारी टैरिफ की मांग

इससे पहले, अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भी यूरोप से भारत पर भारी टैरिफ लगाने की मांग की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्राहम ने कहा था कि भारत रूस से तेल खरीदकर व्लादिमीर पुतिन की युद्ध नीति को समर्थन दे रहा है। उन्होंने यूरोपीय देशों से अपील की थी कि वे भी भारत पर टैरिफ लगाएं। ग्राहम ने यूरोप की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्हें भारत पर टैरिफ क्यों नहीं लगाते, जो रूस से तेल खरीद रहा है।