UPI भुगतान उपयोगकर्ताओं के लिए नई सुरक्षा पहल: जानें पूरी जानकारी
नई सुरक्षा उपायों की शुरुआत
नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बुधवार को दो महत्वपूर्ण पहलों की घोषणा की। इनमें 'वैलिडेटेड UPI हैंडल्स' और 'SEBI Check' शामिल हैं, जिनका उद्देश्य निवेशकों के लिए भुगतान सुरक्षा को बढ़ाना और बिना पंजीकृत कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी से धन जमा करने पर रोक लगाना है।
यह नई सुविधा, जो नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के सहयोग से विकसित की गई है, सेबी द्वारा पंजीकृत संस्थाओं की यूपीआई आईडी को एक विशेष @valid हैंडल प्रदान करेगी। इसमें विभिन्न श्रेणियों के अनुसार कुछ विशेष अक्षर जोड़े जाएंगे, जैसे कि ब्रोकर्स के लिए '.brk' और म्यूचुअल फंड्स के लिए '.mf'। इससे निवेशकों को यह पहचानने में मदद मिलेगी कि कौन सी संस्थाएं विश्वसनीय हैं।
सेबी ने बताया कि 90% से अधिक निवेशकों को कवर करने वाले प्रमुख ब्रोकर्स और सभी म्यूचुअल फंड्स ने पहले ही इस @valid यूपीआई हैंडल को अपनाया है। यह सुविधा निवेशकों के लिए भुगतान के एक नए विकल्प के रूप में उपलब्ध होगी और NEFT, RTGS और IMPS जैसे मौजूदा तरीकों के साथ काम करेगी, जिससे निवेशकों को अपने पसंदीदा लेनदेन माध्यम का चयन करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
कैसे पहचानें सुरक्षित लेनदेन?
इन हैंडल्स के माध्यम से किए गए भुगतान में एक विशेष आइकन दिखाई देगा, जो इसकी वैधता की पुष्टि करेगा। इसके साथ एक विशेष QR कोड भी होगा, जिससे लेनदेन सरल और त्रुटि-मुक्त होगा। यदि यह आइकन नहीं दिखाई देता है, तो निवेशकों को चेतावनी दी जाएगी कि वह संस्था सेबी के साथ पंजीकृत नहीं है। इसके अतिरिक्त, 'सेबी चेक' के माध्यम से निवेशक पंजीकृत संस्थाओं के बैंक खातों और यूपीआई आईडी की जानकारी को स्वयं सत्यापित कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सेबी चेक प्लेटफॉर्म या सेबी पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है।