Stellantis का भारत में निवेश बढ़ाने की योजना
भारतीय ऑटो बाजार में Stellantis की रणनीति
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच, Stellantis भारत में नए निवेश पर विचार कर रहा है। डच समूह, जो Fiat, Jeep, Chrysler और Peugeot जैसे ऑटोमोटिव ब्रांडों का मालिक है, अपने खुदरा नेटवर्क का विस्तार करने और भारतीय बाजार में नए उत्पाद लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जहां इसका बाजार हिस्सा केवल 1% रह गया है। Stellantis, जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऑटोमेकर है, भारत से अपने निर्यात को भी दोगुना करने का लक्ष्य रखता है।
अब तक, Stellantis ने भारत में लगभग 11,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी ने यह भी बताया है कि भविष्य के निवेशों की दिशा उसके आगामी कार्यक्रमों और घरेलू तथा निर्यात-उन्मुख संचालन के बीच संतुलन पर निर्भर करेगी।
वर्षों से, जापानी और कोरियाई निर्माताओं ने भारत के ऑटोमोबाइल बाजार में बहुमत हिस्सेदारी बनाए रखी है, जो दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है। इसके अलावा, स्वदेशी निर्माता Tata Motors और M&M भी महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं, जो मिलकर बिक्री का लगभग एक चौथाई हिस्सा रखते हैं।
Stellantis का विस्तार योजना
Stellantis स्थानीय बाजार में विस्तार के लिए चरणबद्ध दृष्टिकोण अपनाने की योजना बना रहा है, जिसमें बैक-एंड क्षमता, स्थानीयकरण और चयनित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हालांकि, निरंतर विकास इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनी अपनी पेशकशों को भारतीय उपभोक्ता की अपेक्षाओं और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य संरचनाओं के साथ कितनी अच्छी तरह संरेखित करती है।
Jeep की वर्तमान लाइनअप में Jeep रेंज और Citroen के मॉडल जैसे C3 हैचबैक, C3 एयरक्रॉस और हाल ही में लॉन्च किया गया Basalt शामिल हैं। हालांकि कंपनी के पास एक विस्तृत उत्पाद श्रृंखला है, लेकिन इसके किसी भी वाहन ने उच्च बिक्री मात्रा हासिल नहीं की है।
पिछले वर्ष, निर्माता ने भारत से लगभग 10,000 पूरी तरह से निर्मित वाहन और 300,000 इंजन और पावरट्रेन का निर्यात किया। वर्तमान में, भारत समूह के वैश्विक मात्रा आधार का लगभग 2% है, जो 5-6 मिलियन यूनिट है। घटक आपूर्ति श्रृंखला भी काफी बढ़ गई है; अब यह लगभग 500 स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ काम कर रहा है।