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MSME दिवस पर मगनभाई पटेल का उद्यमिता पर जोर

अंतर्राष्ट्रीय MSME दिवस पर मगनभाई पटेल ने MSME क्षेत्र की चुनौतियों और विकास की दिशा पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने विपणन, वित्त और कच्चे माल की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि छोटे उद्योगों को समर्थन की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने महिला उद्यमियों की भूमिका और MSME क्षेत्र के योगदान पर भी प्रकाश डाला। जानें इस क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ।
 

MSME क्षेत्र की भूमिका

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय MSME दिवस के अवसर पर एक टीवी चैनल पर चर्चा करते हुए ऑल इंडिया MSME फेडरेशन के प्रमुख मगनभाई पटेल ने बताया कि भारत में 6.30 करोड़ से अधिक उद्यमों के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र एक महत्वपूर्ण आर्थिक धारा बन चुका है। यह क्षेत्र उद्यमिता को प्रोत्साहित करता है और कम पूंजी में रोजगार के अवसर प्रदान करता है। वर्तमान में, MSME क्षेत्र कृषि के बाद देश में रोजगार सृजन का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।


विपणन और वित्तीय चुनौतियाँ

मगनभाई पटेल ने अपने इंटरव्यू में बताया कि सूक्ष्म और लघु उद्योगों को विपणन, वित्त और कच्चे माल की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात स्टेट स्मॉल इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन की स्थापना इन समस्याओं के समाधान के लिए की गई थी, लेकिन समय के साथ यह संगठन बंद हो गया। इसके परिणामस्वरूप छोटे उद्योगों को कच्चे माल की खरीद में कठिनाई हो रही है। आज गांवों में उद्योगों की कमी है, जिससे छोटे उद्योगों को कच्चे माल के लिए शहरों में आना पड़ता है।


सरकारी पहल और सुझाव

1994 में, प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के साथ एक बैठक में लघु उद्योगों के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे। इस बैठक में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल थे। बैठक के दौरान MSME क्षेत्र के लिए वित्त, टेक्सेशन, श्रम, और बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।


महिलाओं की भागीदारी

महिला उद्यमियों की स्थिति पर बात करते हुए, मगनभाई पटेल ने कहा कि यदि देश की 50 प्रतिशत महिलाएं घर पर रहेंगी, तो विकास संभव नहीं है। उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सूक्ष्म और कुटीर उद्योगों में क्लस्टर बनाने की आवश्यकता है।


MSME का योगदान

आज, MSME क्षेत्र देश की GDP में लगभग 40% और निर्यात में 45% से अधिक का योगदान देता है। यह क्षेत्र 11 से 25 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं।


अंतर्राष्ट्रीय MSME दिवस का महत्व

अंतर्राष्ट्रीय MSME दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के कारण MSME के लिए जीवित रहना कठिन हो रहा है। सरकार को बेहतर नीतियों और वित्तीय सहायता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।


भारत सरकार की पहल

भारत सरकार ने MSME क्षेत्र के विकास के लिए कई पहल शुरू की हैं, जिसमें खादी ग्रामोद्योग और काथि उद्योग शामिल हैं। ये पहल ऋण सहायता, तकनीकी सहायता और कौशल विकास पर केंद्रित हैं।


उद्यमिता के औपचारिककरण पर जोर

मगनभाई पटेल ने कहा कि MSME उद्यमों का औपचारिककरण महत्वपूर्ण है। 2024 तक, 5.70 करोड़ MSME ने 24.14 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया है।


चुनौतियों का सामना

अंतर्राष्ट्रीय MSME दिवस पर, मगनभाई पटेल ने कहा कि वैश्विक मंदी और व्यापारिक असंतोष के कारण MSME क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।