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Jio BlackRock Fund: मुकेश अंबानी का म्यूचुअल फंड में नया कदम

मुकेश अंबानी की Jio ब्लैकरॉक एसेट मैनेजमेंट ने म्यूचुअल फंड में नई योजना की घोषणा की है, जिसमें छोटे निवेशकों के लिए कम लागत वाले फंड्स लॉन्च किए जाएंगे। कंपनी का लक्ष्य भारत के विशाल फंड बाजार में महत्वपूर्ण बदलाव लाना है। जियो पहले ही तीन डेट म्यूचुअल फंड्स के जरिए 2.1 अरब डॉलर जुटा चुकी है और अब आठ नए फंड्स के लिए मंजूरी की प्रक्रिया में है। जानें इस नई रणनीति के पीछे का आधार और इसके संभावित प्रभाव।
 

Jio BlackRock Fund की नई योजना

टेलीकॉम क्षेत्र में Jio की सफलता के बाद, मुकेश अंबानी अब म्यूचुअल फंड में भी बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं। Jio ब्लैकरॉक एसेट मैनेजमेंट ने भारत में साल के अंत तक लगभग एक दर्जन नए इक्विटी और डेट फंड लॉन्च करने की योजना बनाई है। इन फंड्स में छोटे निवेशकों के लिए कम निवेश विकल्प उपलब्ध होंगे और लागत को कम करने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स को दरकिनार किया जाएगा। कंपनी का उद्देश्य भारत के 72.2 लाख करोड़ रुपये (844 अरब डॉलर) के फंड बाजार में महत्वपूर्ण बदलाव लाना है.


नए फंड्स की लॉन्चिंग की तैयारी

जियो ब्लैकरॉक ने पहले ही तीन डेट म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से 2.1 अरब डॉलर (लगभग 17,500 करोड़ रुपये) जुटा लिए हैं, जिसमें 90 संस्थागत और 67,000 खुदरा निवेशक शामिल हैं। अब, कंपनी आठ और फंड्स के लिए SEBI से मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। इन फंड्स की एक्सपेंस रेश्यो भी बाजार की तुलना में कम रखी जाएगी, क्योंकि कंपनी सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए निवेशकों को फंड बेचेगी।


रणनीति का आधार

जियो-ब्लैकरॉक की यह रणनीति रिलायंस की पूर्व सफलताओं पर आधारित है। 2016 में, जियो ने टेलीकॉम क्षेत्र में सस्ती दरों और डिजिटल एक्सेस के माध्यम से क्रांति लाई थी। अब, कंपनी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में भी ऐसा ही बदलाव लाने की योजना बना रही है। जियो के 47.5 करोड़ ग्राहकों और जियो फाइनेंस के 80 लाख सक्रिय उपयोगकर्ताओं का डेटा इस दिशा में सहायक हो सकता है.


फंड्स की लागत और रिटर्न

भारत में सक्रिय फंड्स की औसत फीस 1.78 फीसदी है, जबकि डायरेक्ट फंड्स में यह 0.5 से 0.6 फीसदी तक कम हो जाती है। जियो-ब्लैकरॉक इससे भी कम लागत पर फंड्स पेश कर सकता है, जिससे निवेशकों को अधिक रिटर्न मिलने की संभावना है.


एक्टिव और पैसिव फंड्स का समावेश

ब्लैकरॉक, जो दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, मुख्य रूप से पैसिव फंड्स में विशेषज्ञता रखती है। हालांकि, भारत में अभी भी एक्टिव फंड्स का दबदबा है। जियो-ब्लैकरॉक दोनों प्रकार के फंड्स लॉन्च करेगा और ब्लैकरॉक के अत्याधुनिक निवेश प्लेटफॉर्म अलादीन का उपयोग करेगा, जो रिस्क मैनेजमेंट और निवेश विश्लेषण में मदद करता है.


पैसिव फंड्स का बढ़ता बाजार

भारत में पैसिव फंड्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। मई 2024 तक इन फंड्स में 12.11 लाख करोड़ रुपये (कुल AUM का 16.78 फीसदी) का निवेश था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25 फीसदी अधिक है। जियो-ब्लैकरॉक इस वृद्धि को और आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है.