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EPF में बदलाव: 10 साल में पूरी राशि निकालने की योजना

केंद्र सरकार EPF के नियमों में बदलाव करने की योजना बना रही है, जिससे खाताधारक हर 10 साल में अपनी पूरी राशि निकाल सकेंगे। यह बदलाव नौकरीपेशा लोगों को अपनी जरूरतों के अनुसार अपनी मेहनत की कमाई का उपयोग करने की अनुमति देगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इस बदलाव को लेकर चिंतित हैं कि इससे भविष्य की बचत पर असर पड़ सकता है। जानें इस प्रस्ताव के पीछे की मंशा और इसके संभावित प्रभाव।
 

केंद्र सरकार का नया प्रस्ताव

केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बना रही है। अब EPF खाताधारक हर 10 साल में अपनी जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा या पूरी राशि निकाल सकेंगे, जिससे रिटायरमेंट तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होगी।


सरकार का विचार

एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार EPFO के इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिससे नौकरीपेशा लोग अपनी मेहनत की कमाई को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार निकाल सकेंगे।


वर्तमान नियम क्या हैं?

वर्तमान में EPF से पूरी राशि निकालने के लिए केवल दो विकल्प हैं: पहला, जब आप 58 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं, और दूसरा, जब आप दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहते हैं। इसके अलावा, कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे घर खरीदना या चिकित्सा खर्च के लिए आंशिक निकासी की अनुमति है। नए प्रस्ताव से ये सख्त नियम समाप्त हो सकते हैं।


युवाओं को मिलेगी राहत?

यदि यह नया नियम लागू होता है, तो 30 या 40 वर्ष की आयु में भी लोग अपनी EPF राशि निकाल सकेंगे। हालांकि, एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार शायद निकासी की सीमा 60% तक निर्धारित कर सकती है। इसका मतलब है कि युवा कर्मचारी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार फंड का उपयोग कर सकेंगे।


सरकार की मंशा

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, EPF नियमों में ढील देने का उद्देश्य खाताधारकों को अपने पैसे का उपयोग करने में अधिक स्वतंत्रता देना है। हर 10 साल में निकासी का प्रस्ताव इसी सोच का हिस्सा है।


विशेषज्ञों की राय

कुछ विशेषज्ञ इस बदलाव को लेकर चिंतित हैं। उनका मानना है कि EPF का मुख्य उद्देश्य रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित फंड तैयार करना है। बार-बार निकासी से भविष्य की बचत प्रभावित हो सकती है। वहीं, कुछ का मानना है कि इससे रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।


IT सिस्टम की चुनौतियाँ

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि EPFO को अपने IT सिस्टम को मजबूत करना होगा, क्योंकि मौजूदा सिस्टम इतनी बड़ी संख्या में निकासी अनुरोधों को संभालने के लिए तैयार नहीं है।


हाल के बदलाव

EPFO ने हाल ही में कुछ और ढील दी है। जुलाई 2025 से खाताधारक अपनी EPF राशि का 90% तक घर बनाने या जमीन खरीदने के लिए निकाल सकेंगे। पहले इसके लिए 5 साल तक योगदान आवश्यक था, जिसे अब घटाकर 3 साल कर दिया गया है।


EPF की परिभाषा

EPF, यानी कर्मचारी भविष्य निधि, भारत की सबसे बड़ी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों अपने वेतन का एक हिस्सा जमा करते हैं, जिस पर ब्याज भी मिलता है। यदि यह नया नियम लागू होता है, तो यह EPF के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव होगा।