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2026 में सोना और चांदी: कौन सी धातु देगी बेहतर रिटर्न?

2025 में सोने और चांदी ने अभूतपूर्व रिटर्न दिया, जिससे निवेशकों का ध्यान इन कीमती धातुओं की ओर बढ़ा। 2026 में इनकी कीमतों के प्रदर्शन और निवेश के तरीकों पर विशेषज्ञों की राय जानें। क्या सोना बेहतर विकल्प है या चांदी? जानें संभावित रिटर्न और निवेश की रणनीतियों के बारे में।
 

सोना और चांदी का प्रदर्शन 2025 में

सोना और चांदी

वर्ष 2025 सोने और चांदी के लिए एक शानदार वर्ष रहा। साल की शुरुआत में जो तेजी देखी गई, वह पूरे वर्ष बनी रही, जिससे इन धातुओं ने अपने इतिहास में सबसे अधिक रिटर्न देने वाले वर्षों में से एक का दर्जा प्राप्त किया। भारत की मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत लगभग 78% बढ़कर 75,233 रुपए से 1,33,589 रुपए तक पहुंच गई। इसी दौरान चांदी ने 144% का अभूतपूर्व रिटर्न दिया, जो 85,146 रुपए से बढ़कर 2,08,062 रुपए हो गया। इस दौरान, शेयर बाजार का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 केवल 10.18% बढ़ा। यही कारण है कि कई निवेशक शेयरों से हटकर इन कीमती धातुओं में निवेश करने लगे।

सोने की रिकॉर्ड कीमतों के पीछे केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद और चांदी की औद्योगिक मांग में वृद्धि मुख्य कारण रहे। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता भी कीमतों में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण बनी। अब सवाल यह है कि क्या 2026 में दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं टैरिफ के प्रभाव से उबर पाएंगी या अनिश्चितता बनी रहेगी? नए साल में निवेश के लिए सोना बेहतर रहेगा या चांदी? आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय।


2026 में सोना-चांदी का प्रदर्शन

2026 में सोना-चांदी का प्रदर्शन कैसा रह सकता है?

आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के डायरेक्टर (कमोडिटीज) नवीन माथुर का कहना है कि 2026 में सोना और चांदी दोनों की बुनियाद मजबूत है, हालांकि नए साल में रिटर्न कुछ हद तक सामान्य हो सकता है। उनके अनुसार, वैश्विक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की खरीद, कमजोर डॉलर और ETF में निवेश से सोना स्थिर प्रदर्शन करता रहेगा। वहीं, चांदी में उतार-चढ़ाव अधिक है, लेकिन यह कीमती और औद्योगिक दोनों धातु होने के कारण प्रतिशत के हिसाब से सोने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। IBJA की वाइस प्रेसिडेंट अक्ष कंबोज का कहना है कि 2026 के अंत तक उतार-चढ़ाव के बावजूद दोनों धातुएं सकारात्मक क्षेत्र में रह सकती हैं, क्योंकि मांग मजबूत बनी हुई है.


2026 में कीमतों का अनुमान

2026 में कीमतें कितनी बढ़ सकती हैं?

रिद्धिसिद्धि बुलियंस के एमडी पृथ्वीराज कोठारी के अनुसार, अगले साल सोना $5,000 से $5,500 (लगभग ₹1.50 से ₹1.65 लाख) तक जा सकता है। वहीं, चांदी $75 से $80 (₹2.30 से ₹2.50 लाख) तक पहुंच सकती है। सेन्को गोल्ड एंड डायमंड्स के CEO सुवंकर सेन थोड़े सतर्क अनुमान देते हैं। उनके अनुसार, 2026 के अंत तक सोना $4,300 से $4,800 और चांदी $55 से $75 प्रति औंस के बीच रह सकती है.

SPA कैपिटल के सिद्धार्थ जैन का कहना है कि बुल मार्केट में चांदी सोने से तेज़ चलती है। उनके अनुसार, सोना $4,800 से $5,000 और चांदी $85 से $100 प्रति औंस तक जा सकती है। नवीन माथुर मानते हैं कि खासकर 2026 की पहली छमाही में चांदी में ज्यादा तेजी की संभावना है। उनके अनुसार, 2026 के अंत तक सोना $4,900 से $5,200 और चांदी $80 से $85 प्रति औंस तक पहुंच सकती है.


निवेश के तरीके

निवेश किसमें करें लंपसम या SIP?

अक्ष कंबोज के अनुसार, सोना पोर्टफोलियो को स्थिर रखने के लिए बेहतर है और इसमें SIP के जरिए निवेश करना सही रहता है। चांदी में छोटे हिस्से में, समय-समय पर निवेश करना बेहतर है, जब तक कि आपकी रणनीति लंपसम की न हो। सुवंकर सेन का कहना है कि सोना स्थिरता देता है, जबकि चांदी में ज्यादा अपसाइड की संभावना होती है। SIP से उतार-चढ़ाव संभलता है और सही मौके पर लंपसम निवेश भी किया जा सकता है.

सिद्धार्थ जैन चांदी में SIP को ज्यादा बेहतर मानते हैं, क्योंकि औद्योगिक मांग के चलते इसमें अचानक तेज़ उछाल आता है। SIP से निवेशक इस उतार-चढ़ाव का फायदा बिना सही समय पकड़ने की कोशिश किए उठा सकते हैं.


गोल्ड-सिल्वर रेशियो

गोल्ड-सिल्वर रेशियो क्या इशारा करता है?

गोल्ड-सिल्वर रेशियो सोने और चांदी की आपसी ताकत को दर्शाता है। यह रेशियो साल की शुरुआत में 87 था, जो अब घटकर 64.70 रह गया है, क्योंकि चांदी की कीमत तेजी से बढ़ी है। सिद्धार्थ जैन का कहना है कि इतिहास में यह रेशियो 15:1 तक भी गया है.