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2025 में आईटी सेक्टर में नौकरियों की मांग में वृद्धि

भारत के आईटी सेक्टर में 2025 में नौकरियों की मांग में 16% की वृद्धि हुई है, जो कुल 18 लाख तक पहुँच गई है। नई तकनीकों और ग्लोबल कंपनियों की उपस्थिति ने इस क्षेत्र को मजबूती दी है। रिपोर्ट के अनुसार, अनुभवी पेशेवरों की मांग बढ़ी है, जबकि नए स्नातकों के लिए अवसर सीमित हैं। इसके अलावा, नई तकनीक से जुड़े पदों पर वेतन में भी वृद्धि हुई है। जानें इस क्षेत्र की भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ।
 

आईटी क्षेत्र में नई रफ्तार

आईटी सेक्टर

भारत के आईटी क्षेत्र में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है। 2025 में आईटी नौकरियों की कुल मांग 18 लाख तक पहुँच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 16 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी क्वेस कॉर्प की रिपोर्ट 'आईटी वर्कफोर्स ट्रेंड्स इन इंडिया 2025' में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, नई तकनीकों और वैश्विक कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति ने आईटी नौकरी बाजार को मजबूती प्रदान की है।

इस वृद्धि का मुख्य कारण विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में स्थापित किए जा रहे ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) हैं। 2025 में कुल आईटी हायरिंग में GCCs की हिस्सेदारी लगभग 27 प्रतिशत तक पहुँच गई, जबकि पिछले वर्ष यह लगभग 15 प्रतिशत थी। ये केंद्र भारत में उन्नत तकनीक, डेटा और डिजिटल परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं, जिससे कुशल पेशेवरों की मांग में तेजी आई है।


उभरती तकनीकी कौशल की मांग

नई टेक्नोलॉजी स्किल्स की भारी मांग

रिपोर्ट में बताया गया है कि आईटी हायरिंग का एक बड़ा हिस्सा अब उभरती डिजिटल कौशल पर केंद्रित है। AI, मशीन लर्निंग, क्लाउड, DevOps और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वहीं, पुरानी तकनीकी कौशल की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से भी कम रह गई है और इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है।


अनुभवी पेशेवरों के लिए अवसर

अनुभवी प्रोफेशनल्स को ज्यादा मौके

आईटी कंपनियाँ अब नए स्नातकों की तुलना में अधिक अनुभवी पेशेवरों को प्राथमिकता दे रही हैं। 4 से 10 साल के अनुभव वाले पेशेवरों की हिस्सेदारी कुल हायरिंग में लगभग 65 प्रतिशत रही, जबकि एंट्री-लेवल नौकरियों की हिस्सेदारी केवल 15 प्रतिशत तक सीमित रही। इससे स्पष्ट है कि कंपनियाँ तुरंत काम संभाल सकने वाले प्रतिभाओं को प्राथमिकता दे रही हैं।


वेतन में वृद्धि

सैलरी में भी दिखी बढ़ोतरी

नई तकनीक से जुड़े पदों पर वेतन में भी तेजी से वृद्धि हुई है। Generative AI, MLOps, साइबर थ्रेट एनालिस्ट, क्लाउड और प्लेटफॉर्म आर्किटेक्ट जैसे पदों पर 10 से 40 प्रतिशत तक अधिक वेतन देखने को मिला है। इससे आईटी पेशेवरों के बीच इन कौशलों को सीखने का रुझान भी बढ़ा है।


भर्ती प्रक्रिया में बदलाव

आईटी नौकरियाँ अब भी मुख्यतः टियर-1 शहरों तक सीमित हैं, जहाँ कुल मांग का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है। इसके साथ ही, कंपनियाँ अब अधिक सख्त चयन प्रक्रिया अपना रही हैं, जिससे भर्ती में 45 से 60 दिन लग रहे हैं। खास कौशलों के लिए यह समय 90 दिन तक भी पहुँच सकता है।


भविष्य की संभावनाएँ

आगे भी बनी रहेगी तेजी

रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में भी आईटी हायरिंग की गति बनी रह सकती है। नई डिजिटल तकनीक, AI और क्लाउड रोल्स के साथ-साथ धीरे-धीरे टियर-2 शहरों में भी अवसर बढ़ने की उम्मीद है।