श्रीनगर से दिल्ली के लिए भारतीय रेलवे की पहली कार्गो पार्सल ट्रेन सेवा शुरू
नई ट्रेन सेवा का शुभारंभ
कश्मीर के सेब और अन्य फलों के सड़ने की चिंता अब समाप्त होने जा रही है। भारतीय रेलवे ने श्रीनगर से दिल्ली के लिए पहली कार्गो पार्सल ट्रेन सेवा शुरू की है। जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस विशेष ट्रेन को श्रीनगर के नौगाम रेलवे स्टेशन से रवाना किया।
तेज और सुरक्षित परिवहन
यह ट्रेन केवल 24 घंटे में दिल्ली के आदर्श नगर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर कई प्रमुख हस्तियों, जिसमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल थे, ने भाग लिया। यह कार्गो ट्रेन सेवा जम्मू और कश्मीर के आर्थिक विकास और एकीकरण की प्रक्रिया को नई गति प्रदान करेगी।
स्थानीय उत्पादकों के लिए लाभ
इस नई सेवा के माध्यम से कश्मीर के सेब और अन्य फल बेहतर स्थिति में दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में पहुंचेंगे, जिससे कश्मीर के बागवानी क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। यह कदम स्थानीय फल उत्पादकों और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।
उप राज्यपाल का बयान
उद्घाटन समारोह के दौरान, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस पहल के लिए भारतीय रेलवे का आभार व्यक्त किया और कहा, “राष्ट्रीय राजधानी के लिए बागवानी उत्पादों को ले जाने वाली दैनिक समय-सारणी ट्रेन का परिचय फल उत्पादकों के लिए एक बड़ी राहत है।” उन्होंने यह भी बताया कि यह नई सेवा खराब मौसम के कारण राजमार्गों के अवरुद्ध होने से उत्पन्न चुनौतियों को कम करेगी, जिससे नष्ट होने वाले सामानों के बड़े नुकसान की संभावना कम होगी।
गोल्डन मोमेंट
डिविजनल रेलवे मैनेजर विवेक कुमार ने इस कार्गो पार्सल ट्रेन सेवा को “गोल्डन मोमेंट” बताया। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन मुख्य रूप से सेब और सीमित मात्रा में अखरोट ले जाएगी। भविष्य में अन्य उत्पादों के लिए इसकी क्षमता बढ़ाने की योजना भी है। इस ट्रेन में आठ पार्सल वैन हैं, जिनमें से एक की क्षमता 23 टन है और बाकी की क्षमता 160 से 170 टन के बीच है। यह ट्रेन हर दिन सुबह 6:00 बजे श्रीनगर से रवाना होगी और अगले दिन आदर्श नगर स्टेशन, दिल्ली पहुंचेगी।
पहले दिन का रिकॉर्ड
पहले दिन ही इस ट्रेन के माध्यम से दिल्ली में लगभग 2.5 करोड़ रुपये के फल भेजे गए हैं। भविष्य में सामान की मात्रा और बढ़ाई जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने अनंतनाग से सेबों के परिवहन के लिए 15-कोच वाली वीपी ट्रेन चलाने की योजना भी बनाई है। यह पहल न केवल कश्मीर के लिए बल्कि पूरे जम्मू और कश्मीर संघ क्षेत्र और भारतीय रेलवे के लिए गर्व का विषय है।