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राजस्थान ने माइनिंग सेक्टर में ऐतिहासिक कदम उठाया

राजस्थान ने माइनिंग सेक्टर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जहां राज्य ने बिलाड़ा में 8 प्री-एम्बेडेड मेजर मिनरल ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। यह पहल राजस्थान को देश का पहला राज्य बनाती है जिसने एक साथ इतने ब्लॉकों की नीलामी के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त की हैं। जानें इस पहल के पीछे की तैयारियों और इसके संभावित लाभों के बारे में।
 

राजस्थान की नई माइनिंग पहल

राजस्थान ने माइनिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राज्य के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने जोधपुर के बिलाड़ा में 8 प्री-एम्बेडेड मेजर मिनरल ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत की है। यह राजस्थान को देश का पहला राज्य बनाता है, जिसने एक साथ इतने ब्लॉकों की नीलामी के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त की हैं।


खान विभाग की तैयारियां

खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने जानकारी दी कि इन ब्लॉकों के लिए सभी जरूरी स्वीकृतियां जैसे माइनिंग प्लान, पर्यावरण अनुमति, फॉरेस्ट क्लीयरेंस और अन्य औपचारिकताएं पहले से ही पूरी की जा चुकी हैं। इससे नीलाम किए गए खानों में जल्द ही खनन कार्य आरंभ हो सकेगा, जिससे रोजगार, निवेश और राजस्व के नए अवसर उत्पन्न होंगे। यह पहल 'ईज ऑफ डूइंग माइनिंग' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


राजस्थान का नेतृत्व

राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने 8 प्री-एम्बेडेड मेजर मिनरल ब्लॉकों की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है। इसके विपरीत, गुजरात ने हाल ही में केवल एक ब्लॉक की नीलामी की थी।


आरएसएमईटी की भूमिका

राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (RSMET) को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है, जिसने आवश्यक अनुमतियों को प्राप्त करने और ई-नीलामी की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है।