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भारत के ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 की शुरुआत

भारत के भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 की शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। यह योजना भारत को 2047 तक एक प्रमुख ऑटोमोटिव लीडर बनाने के लिए तैयार की गई है। इसमें हितधारकों के सहयोग से तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने के लिए उप-समितियों का गठन किया जाएगा। जानें इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में और कैसे यह भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
 

भारत को वैश्विक ऑटोमोटिव लीडर बनाने की दिशा में कदम

भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2047 (AMP 2047) के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसका उद्देश्य नवाचार, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और सतत विकास को बढ़ावा देना है। यह योजना 2047 तक भारत को एक वैश्विक ऑटोमोटिव नेता के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखती है। यह जानकारी एक आधिकारिक रिपोर्ट में दी गई है।


यह पहल विक्सित भारत @2047 दृष्टिकोण के साथ एक रणनीतिक रोडमैप है, जो पिछले ऑटोमोटिव मिशन योजनाओं की उपलब्धियों पर आधारित है। पिछले योजनाओं ने हितधारकों के सहयोग के माध्यम से भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिए नई पहल

यह नई पहल मूल उपकरण निर्माताओं, ऑटो घटक निर्माताओं, नीति निर्माताओं, शैक्षणिक संस्थानों और अंतिम उपयोगकर्ताओं सहित हितधारकों के सामूहिक दृष्टिकोण को एकीकृत करने का प्रयास करती है, ताकि तकनीकी प्रगति और चार्जिंग अवसंरचना जैसी प्रमुख चुनौतियों का समाधान किया जा सके।


सरकार, उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र के विशेषज्ञों से मिलकर सात उप-समितियाँ बनाई जाएंगी, जो 2030, 2037 और 2047 के लिए लक्षित मील के पत्थरों के साथ एक व्यापक योजना के विकास का मार्गदर्शन करेंगी। मंत्रालय, कुमारस्वामी के नेतृत्व में, आत्मनिर्भर, नवोन्मेषी और सतत ऑटोमोटिव पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। कई उप-समिति की बैठकें विचारों को संकलित करेंगी और डेटा को एपीएक्स समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगी, जिसकी अध्यक्षता कमरान रिजवी, सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय करेंगे।