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बिहार में बन रहा पहला एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे: आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे

बिहार में आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से चल रहा है, जो राज्य के यातायात प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। यह एक्सप्रेसवे सात जिलों को जोड़ते हुए पटना, गया और दरभंगा के हवाई अड्डों को भी जोड़ता है। इसकी गति सीमा 100 किमी प्रति घंटे होगी और यह लगभग 5,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। इस परियोजना से समस्तीपुर और पटना के बीच की दूरी में कमी आएगी, जिससे यात्रियों का समय और पैसा दोनों बचेंगे।
 

बिहार का नया एक्सप्रेसवे

बिहार में पहला एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे जल्द ही तैयार होने वाला है, जो राज्य के यातायात प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे, जो भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है, क्षेत्रीय यात्रा को और अधिक सुगम बनाएगा।


यह एक्सप्रेसवे औरंगाबाद से दरभंगा तक बनाया जा रहा है, जो सात जिलों को जोड़ता है। यह मार्ग पटना, गया और दरभंगा के तीन प्रमुख हवाई अड्डों को भी जोड़कर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार करेगा।


बिहार में इस परियोजना की प्रगति तेजी से हो रही है और इसकी नई पूर्णता तिथि 2025 निर्धारित की गई है, जबकि पहले इसे जुलाई 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य था। एक्सप्रेसवे आमस से शुरू होगा, जो औरंगाबाद जिले में दिल्ली-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग 19 (NH-19) पर स्थित है, और यह दरभंगा जिले के नवादा गांव तक फैलेगा, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 27 (NH-27) पर है। इसके मार्ग में अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली और समस्तीपुर सहित कुल सात जिले शामिल होंगे।


इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति 100 किमी प्रति घंटे तक होगी। यह चार लेन और 200 फीट चौड़ा सड़क लगभग 5,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।


इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि दूरी में कमी आएगी, जिससे समस्तीपुर और पटना के बीच की दूरी 100 किमी से घटकर केवल 65 किमी रह जाएगी। यह एक्सप्रेसवे बिहार के विकास और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक नया मार्ग खोलेगा, जो यात्रियों का समय और पैसा दोनों बचाएगा।