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तानसेन का ताना-बाना: सांस्कृतिक धरोहर पर एक नई पुस्तक का लोकार्पण

नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में वरिष्ठ पत्रकार राकेश शुक्ला की पुस्तक "तानसेन का ताना-बाना" का लोकार्पण हुआ। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय संस्कृति और इतिहास के महत्व पर जोर दिया, जबकि अन्य वक्ताओं ने तानसेन के संगीत में योगदान को सराहा। इस पुस्तक को तानसेन के जीवन और उनके संगीत परंपरा को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ के रूप में देखा जा रहा है। जानें इस पुस्तक के बारे में और क्या कहा गया इस समारोह में।
 

नई दिल्ली में पुस्तक का भव्य लोकार्पण

नई दिल्ली, 9 जून 2025: वरिष्ठ पत्रकार राकेश शुक्ला द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की पुस्तक "तानसेन का ताना-बाना" का शानदार लोकार्पण आज नई दिल्ली के केशव कुंज में विचार विनिमय न्यास सभागार में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई।


केंद्रीय मंत्री का संदेश

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "यदि भारत को विश्वगुरु बनना है, तो हमें अपने इतिहास, साहित्य और संस्कृति को याद कर उसे समृद्ध करना होगा। हमारा इतिहास और संस्कृति हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, जो भविष्य के निर्माण में सहायक हैं। हमें अपनी कमियों को दूर करते हुए अपने अतीत को लिखते रहना चाहिए ताकि नई पीढ़ी को यह जानकारी मिल सके। ऐसी पुस्तकें नई पीढ़ी को उपहार में दी जानी चाहिए, ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़ सकें।" उन्होंने सुरुचि प्रकाशन का विशेष धन्यवाद किया और उनके कार्य की सराहना की।


तानसेन का संगीत योगदान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने तानसेन के संगीत में योगदान को अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि तानसेन ने उस समय भी संगीत परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, जब शासन में ऐसे लोग थे जो संगीत को महत्व नहीं देते थे। तानसेन की साधना को "संगीत के हर स्वरूप के आराध्य और भारत की आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक" बताया गया।


संस्कृति मंत्री का दृष्टिकोण

केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "तानसेन पर पांच सौ वर्षों बाद भी लेखन जारी है, जो उनके योगदान की प्रासंगिकता को दर्शाता है। हमें इतिहास के उन व्यक्तित्वों को पुनः स्थापित करना होगा जिन्हें जानबूझकर भुलाया गया। भारतीय सभ्यता अपने इतिहास से सीखती है और महान मूल्यों को आत्मसात करने की प्रवृत्ति रखती है।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के संकल्प का भी उल्लेख किया।


पुस्तक की महत्ता

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि "यह किताब तानसेन के जीवन को समझने और शोध में संदर्भ के रूप में कार्य करने वाली ऐतिहासिक दस्तावेज़ है।" उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में यह पुस्तक संदर्भ के रूप में उपयोग की जाएगी।


लेखक का दृष्टिकोण

लेखक राकेश शुक्ला ने बताया कि "तानसेन की यात्रा केवल अकबर के दरबार तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह सतना के छोटे से गांव बांधा से शुरू हुई थी।"


सुरुचि प्रकाशन का योगदान

कार्यक्रम के दौरान सुरुचि प्रकाशन के प्रतिनिधि राजीव तुली ने कहा कि हमारी संस्कृति में साहित्य की अनंत महिमा है। उन्होंने बताया कि पिछले 50 वर्षों में हमने उन पुस्तकों को प्रकाशित किया है जिन्हें कोई नहीं छापता था। अब तक 250 से अधिक पुस्तकें गूगल पर निशुल्क उपलब्ध हैं।