अहोई अष्टमी पूजा: स्याहु माला का महत्व और परंपरा
अहोई अष्टमी के पर्व पर स्याहु माला का विशेष महत्व है। इस माला में चांदी का लॉकेट और मोती होते हैं, जो संतान के जन्म के बाद पहली बार पहनी जाती है। जानें इस पूजा की विशेषताएँ और परंपराएँ।
Oct 12, 2025, 18:59 IST
अहोई अष्टमी पूजा की विशेषताएँ
अहोई अष्टमी के अवसर पर स्याहु माला का उपयोग किया जाता है, जिसमें चांदी का एक लॉकेट होता है। इस लॉकेट पर स्याऊ माता की छवि अंकित होती है। इसके साथ ही, माला में मोती भी शामिल होते हैं, जिन्हें लाल धागे में पिरोया जाता है। इसे स्याहु माता की माला के नाम से भी जाना जाता है, और यह विशेष रूप से संतान के जन्म के बाद पहली बार अहोई अष्टमी के व्रत के दौरान पहनी जाती है।